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मुखिया के मुखारी – कारिंदों ,आकाओं, घोटालेबाजों को हर घोटाले की सजा दीजिए 

मुखिया के मुखारी – कारिंदों ,आकाओं, घोटालेबाजों को हर घोटाले की सजा दीजिए 

चुनावी हार से राजनीतिक दल कसमसा उठते है, भाजपा को अपनी जीत की कसक थी लोकसभा चुनाव 2024 में मिली आंशिक असफलता के साथ मिली जीत उसे कठोर परिश्रम की जरूरत बता रही थी ,मोदी सरकार का एनडीए सरकार के रूप में परिवर्तित होना भाजपा को और आक्रामक राजनीति की लिए प्रेरित किया।सिद्धांतों पर राजनीति करते उनके पूर्वजो ने शून्य से शिखर का सफर तय किया ,असफलताओं के दौर से लेकर स्वर्णिम सफलताओं में भी निष्ठा डिगी नही, दो सांसदों से लेकर देश व्यापी और केन्द्रीय सत्ता की प्राप्ति के बाद भी उन्होंने अपने सिद्धांतों का अनुपालन किया ,मतदाता भाजपा के सिद्धांतों का अनुसरण करने लगे और भाजपा के प्रति निष्ठावान होते गए ,निष्ठावान मतदाताओं की फ़ौज राज्य दर राज्य सत्ता की मौज करा रही ,हिन्दू चेतना जागृत हुई, अस्मिता को लेकर स्मृति पटल पर इतिहास और भविष्य की समीक्षा हुई ,विकास के साथ विरासत की जरूरत महसूस हुई ,रही सही कसर विपक्ष के हिन्दुओं के प्रति सौतेले व्यवहार ने पूरी कर दी ,ममत्व में भी सौतेलापन नही छिपता, तों फिर विपक्षियों का कैसे छुपता, छिन्न भिन्न हो रहे विपक्षी भिन्न -भिन्न राज्यों की सत्ता पर आरूढ़ हो रही बीजेपी ,पूरी ताकत झोक भाजपा ने दिल्ली का दिल जीता, क्षेत्रीय छत्रपों की महत्ता बता रही की भाजपा इनकी स्वीकार्यता बढ़ाना चाह रही, राज्य के मुख्यमंत्रियों को राष्ट्रीय फलक पर ला रही ,प्रचार हो या सरकार मुख्यमंत्री हर जगह असरकार, छत्तीसगढ़ में जों स्वीकार्यता स्व .दिलीप सिह जूदेव की थी वों किसी ने नही पाया , छ.ग. भाजपा में कोई अपनी वैसी राजनैतिक हैसियत नही बना पाया, मौके तों मिले पर सब चुके, छत्तीसगढ़ के अबतक के मुख्यमंत्रियों में सबसे बड़ा राजनीतिक कद रमन सिह का है ,जों मनोनीत होने के बाद अपने चेहरे के दम पर दो बार चुनाव जीते ,सरकार बनाई ,हार तीनों मुख्यमंत्रियों ने  देखी ,अबके मुख्यमंत्री मनोनीत हुए एक साल का कार्यकाल अभी हार जीत का नही कोई सवाल, इकलौते अभी तक ना हारने वाले मुख्यमंत्री के सरकार का दावा है ,प्रदेश में सुशासन है जिसे विष्णु के सुशासन के नाम से जाना जाता है।

सुशासन के दावे सबने किए थे, सब हवा हवाई रुखसती ले भूतपूर्व हो गए ,कारिंदों ने धरती पुत्रों की जमीन खिसका दी, वों नींद को तरस गए लोकप्रियता चाटुकारिता की भेट चढ़ गई, और सरकार घोटालों की  ।कारिंदे रंग बदलते है, गिरगिट भी उनसे शर्माते है, यही कारिंदे तब भी थे जब पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में घोटाले हुए ,कुछ पर आधी कार्यवाही ,कुछ आंशिक और कुछ कागजी, बिठाकर कारिंदों की लगाम खिचिये, एक ही चाबुक में सवाल सारे पूछिए, घोटालों के राज है ईन्ही के पास है ,वक्त गुजरेगा नए घोटाले खुलेंगे तों जनधारणायें बदलेंगी ,सरकार के अकर्मण्यता की चर्चायें होंगी, शराब,डी एम ऍफ़ ,महादेव ,पीएससी से लेकर सारे घोटालों में कारिंदों की संलिप्प्त्ता फिर भी उन्हें अभयदान क्यों ? नामजद रिपोर्ट के बाद भी वों बेखौफ घूम रहे, जाँच एजेंसियों को बयान दे जैसे अपराध मुक्त हो गए, जाँच में जिन कारिंदों (अधिकारियों) का नाम है ,वों क्यों सत्ता सुख भोग रहे  ? कारिंदों की कलाकारी ये बनते सबके चहेते ,ये हर सत्ता में अपना वैलेंटाइन खोज लेते, करोड़ो के है गुलाब इनके इसलिए काले कारनामों के बाद भी कालिख पुते मुंह में बड़ी -बड़ी कुर्सियों पे बैठ लेते, दवा घोटाला हुआ दवा में ब्रांडेड ,जेनरिक ,प्रोपेगेंडा (थर्ड पार्टी प्रोडक्ट ) का खेल है, दवाए थर्ड पार्टी वाली आपूर्ति की गई ,बुलाइए प्रशासनिक और पुलिस सेवा के उन अधिकारियों को जों डॉक्टर है, वो थर्ड पार्टी प्रोडक्ट का सारा खेल जानते है, पूछिए उनसे वों सब झोल बताएंगे, कारिंदे है आपके, आपसे ना कुछ छुपा पाएंगे ,आप नही करेंगे पता तों फिर खोल पुस्तक भर्ष्टाचार के एक -एक पन्ने छापे जायेंगे, हम तों जनहित की अलख जगायेंगे, ग्राम सचिव से लेकर मुख्य सचिव तक आरोंप ही आरोंप है, प्रमुख वन बल भी आपके आरोपों से घिरे है ,सबूत सारे घोटालों के आपके कारिंदों के जेबों में रखे है,दौर है आक्रामक राजनीति की मांग है सफलता दर सफलता , सुशासन के लिए आक्रामक होना पड़ेगा, बात मजबूती से आलाकमान के सामने रखना होगा ,विस्तार मंत्रिमंडल का, नियुक्ति निगम मंडलों की असंतोष उपजे विधायकों, कार्यकर्ताओं में उसके पहले करनी होगी, निकाय चुनावों में जीत है जरुरी। रायपुर निगम में कांग्रेस ने अपना गम खुद ढूंढ लिया है ,पर बाकि चुनावों में जीत ढूंढना ही आपकी परीक्षा है, सुशासन के साथ स्वीकार्यता बढ़ेगी कितने स्वीकार हुए ये परिणाम चुनावों का बताएगा ,सरकार होगी यदि असरकार तभी होगा स्थापित सुशासन वरना कारिंदों के खेल में परिंदे उड़ने वाले आसमान के भी कैद होते छत्तीसगढ़ ने देखा है, संगति का होता असर सबने पढ़ा है,भुजंग चंदन लपेट के सुगंध ग्राह्य नही करता, सांप को कोई रोज दूध नही पिलाता, पूर्वजों के पूण्य और अपने पुरुषार्थ को चरितार्थ करिए ,नारायणी नामधारी है ,धर्म को धारण करिए -----------------कारिंदों ,आकाओं, घोटालेबाजों को हर घोटाले की सजा दीजिए 

चोखेलाल
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मुखिया के मुखारी में व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल

 






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