सीपतः सीपत क्षेत्र में ज़मीन की खरीदी-बिक्री के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक हमनाम व्यक्ति ने खुद को ज़मीन का मालिक बताकर दूसरे को ज़मीन बेच दी। असली ज़मीन मालिक को जब इस धोखाधड़ी की जानकारी इश्तेहार के माध्यम से हुई, तो उन्होंने तहसील कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। मामले की जांच के बाद तहसीलदार सोनू अग्रवाल ने आरोपी विक्रेता व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
बिलासपुर गोंड़पारा निवासी छेदीलाल शुक्ला की सीपत तहसील के ग्राम कौवाताल में खसरा नंबर 160/1 रकबा 17.35 एकड़ ज़मीन है। इसमें से 17.33 एकड़ ज़मीन को रायपुर के छेदीलाल शर्मा ने हमनाम होने का फायदा उठाकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेच दिया। उसने खुद को ज़मीन का मालिक बताते हुए बिलासपुर के मंगला गोपी चौक निवासी लल्लू राम यादव को 46.21 लाख रुपये में यह ज़मीन सौंप दी। 13 सितंबर को तहसीलदार के आदेश पर ज़मीन के नामांतरण के लिए इश्तेहार प्रकाशित किया गया, तब असली मालिक छेदीलाल शुक्ला को अपनी ज़मीन की बिक्री की जानकारी हुई। उन्होंने तुरंत सीपत तहसीलदार सोनू अग्रवाल के समक्ष आपत्ति दर्ज करवाई। तहसीलदार ने त्वरित सुनवाई करते हुए क्रेता, विक्रेता और गवाहों के बयान दर्ज किए। प्राथमिक जांच के आधार पर उन्होंने सीपत थाना को फर्जी विक्रेता छेदीलाल शर्मा, क्रेता लल्लू राम यादव और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
पुलिस की जांच में हुआ नया खुलासा
आरोपी छेदीलाल शर्मा ने तहसीलदार के समक्ष दावा किया कि उसे अविनाश नामक व्यक्ति ने रजिस्ट्री के लिए कहा था। उसने ज़मीन कभी देखी भी नहीं और न ही सौदा किया। अविनाश ने ही उसे इस काम के एवज में रुपए दिए थे, जिसे बाद में उसने लौटा दिया। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि अविनाश कौन है और इस फर्जीवाड़े का असली मास्टरमाइंड वही तो नहीं?
हमनाम पिता-पुत्र के नाम का उठाया फायदा
जांच में पता चला कि आरोपी छेदीलाल शर्मा पिता मुन्नूलाल शर्मा (रायपुर) ने अपने नाम की समानता का गलत फायदा उठाया। असली ज़मीन मालिक छेदीलाल शुक्ला पिता मुन्नूलाल शुक्ला (बिलासपुर) के नाम से मिलते-जुलते नाम के कारण यह धोखाधड़ी संभव हो पाई। सीपत पुलिस मामले की जांच कर रही है और जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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