माघ पूर्णिमा के दिन महाकुंभ का पवित्र स्नान किया जा रहा है। माना जाता है कि इस दिन संगम तट पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति व्यक्ति को होती है, देवी-देवता भी इस दिन संगम तट पर डुबकी लगाने आते हैं। इस दिन रखे गए व्रत से उत्तम फलों की प्राप्ति भक्तों को होती है। माघ पूर्णिमा का स्नान महाकुंभ का पांचवां सबसे प्रमुख स्नान है, इसके बाद महाशिवरात्रि के दिन महाकुंभ का अंतिम प्रमुख स्नान किया जाएगा। मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाले माघ पूर्णिमा स्नान के दिन स्नान का अमृत काल सुबह 5 बजकर 55 मिनट से 7 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।
स्नान के बाद मां लक्ष्मी के मंत्र जरूर जपें
मां लक्ष्मी का मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्ध लक्ष्म्यै नमः
ॐ लक्ष्मी नारायण नमः
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्मी नमः
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।।
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ।।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा।।
महाकुंभ में अब तक 46.25 करोड़ लोग लगा चुके हैं डुबकी
महाकुंभ माघ पूर्णिमा का स्नान जारी है। 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक 46.25 करोड़ लोग हिस्सा ले चुके हैं। महाकुंभ के पांच प्रमुख स्नान अब तक हो चुके हैं और अंतिम पवित्र स्नान महाशिवरात्रि के दिन किया जाएगा। अनुमान है कि माघ पूर्णिमा के दिन 2 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र स्नान करेंगे।
Comments