हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का विषय चर्चा में रहा है। चूंकि टूर्नामेंट की मेजबानी पाकिस्तान कर रहा है, इसलिए जब से पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी का मेजबान घोषित किया गया है, तब से सुरक्षा व्यवस्था पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
बीसीसीआई ने सुरक्षा कारणों से अपनी टीम को सीमा पार भेजने से भी मना कर दिया था। यही वजह है कि भारतीय टीम हाइब्रिड मॉडल के चलते दुबई में अपने मैच खेलेगी। लेकिन पाकिस्तान में आतंकी हमलों का पुराना इतिहास रहा है। करीब 16 साल पहले एक ऐसी घटना घटी थी, जिसने पूरे क्रिकेट जगत को हिलाकर रख दिया था।
हम बात कर रहे हैं साल 2009 की जब सितंबर के महीने में चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट खेला जाना था। उससे 6 महीने पहले श्रीलंकाई टीम पाकिस्तानी दौरे पर गई थी, जहां उसे तीन वनडे और दो टेस्ट मैच खेलने थे। श्रीलंका ने वनडे सीरीज 2-1 से जीती और पहला टेस्ट ड्रॉ रहा। वर्ष 2009 में 1-5 मार्च तक दूसरा श्रीलंका-पाकिस्तान टेस्ट खेला जाना था।
आतंकवादियों ने मचाया आतंक
उस समय सुरक्षा अधिकारियों ने बयान जारी कर बताया कि लिबर्टी स्क्वायर के पास 12 हथियारबंद आतंकवादी छिपे हुए हैं। जब श्रीलंकाई टीम होटल से गद्दाफी ग्राउंड के लिए निकली तो आतंकवादियों ने टीम बस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। पाकिस्तान पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, लेकिन इस झड़प में 6 पुलिसकर्मी और 2 नागरिकों की जान चली गई। बताया गया कि 20 मिनट बाद आतंकवादी रॉकेट लॉन्चर और ग्रेनेड छोड़कर भाग गए।
श्रीलंकाई टीम के खिलाड़ी घायल
इस हमले में श्रीलंका के थिलन समरवीरा, कुमार संगकारा, महेला जयवर्धने, थरंगा परनविताना, अजंता मेंडिस, चामिंडा वास और सुरंगा लकमल घायल हो गए। समरवीरा और परनविताना को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि अन्य खिलाड़ियों को गंभीर चोटें नहीं आईं, लेकिन खरोंचें जरूर आईं। इस घटना के बाद मैदान में हेलीकॉप्टर बुलाकर श्रीलंकाई टीम को मौके से दूर ले जाया गया और जल्द से जल्द उड़ान की व्यवस्था करके उन्हें वापस श्रीलंका भेजा गया।
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