पुराने जमाने से ही गाय, भैंस आदि पशुओं का पालन होता आ रहा है. बदलते समय के साथ-साथ पशुपालन व्यापार में तब्दील हो गया है. आज के समय में पशुपालन एक बढ़ते और बेहतर रोजगारों में से एक है. कभी-कभी किसी कारणवश पशुओं का दूध उत्पादन कम हो जाता है. ऐसा बदलते मौसम या स्वास्थ्य में परिवर्तन के कारण हो सकता है.
पशुपालन और डेयरी उद्योग से जुड़े हुए लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या तब होती है जब उनके पशुओं का दूध उत्पादन कम हो जाता है. ऐसे में डेयरी चला रहे व्यापारियों के लिए यह नुकसान का सौदा बन जाता है. दूध उत्पादन में कमी कभी-कभी पशुओं की सही देखभाल न कर पाने के कारण होती है. सही देखभाल न करने या मौसम में बदलाव के कारण पशुओं का स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है.
पशुओं के खान-पान पर विशेष ध्यान देना जरूरी होता है. यदि उनके आहार में पोषक तत्वों की कमी होती है तो दूध उत्पादन में गिरावट आ सकती है. संतुलित आहार से पशुओं को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बनी रहती है.
विशेषज्ञों का कहना है कि पशुओं को सरसों के तेल का सेवन कराने से उनके स्वास्थ्य में सुधार होता है. सरसों का तेल उनके पाचन तंत्र को मजबूत करता है और गैस जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है. इससे दूध उत्पादन की क्षमता भी बनी रहती है.
आजमगढ़ में डेयरी संचालित कर रहे आनंद सिंह ने बताया कि गर्मियों में तापमान परिवर्तन के कारण पशुओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. गर्मी के मौसम में उन्हें गैस की समस्या होने लगती है, जिससे उनकी दूध उत्पादन करने की क्षमता कम हो जाती है.
इससे निपटने के लिए पशुओं को 200 एमएल तक सरसों के तेल का सेवन कराया जा सकता है. सरसों के तेल की मदद से पशुओं के शरीर में तुरंत ऊर्जा का संचार होता है. यह उनके लिए पोषक तत्वों से भरपूर होता है और पाचन क्रिया को भी दुरुस्त रखता है.
उन्होंने बताया कि गाय और भैंसों को नियमित रूप से सरसों का तेल देने से उनके स्वास्थ्य में सुधार होता है. यह तेल शरीर में गर्मी बनाए रखता है, जिससे वे मौसम के बदलावों को सहन कर पाते हैं. इससे उनके दूध उत्पादन की क्षमता बढ़ती है और बेहतर गुणवत्ता का दूध प्राप्त होता है.
सरसों का तेल पशुओं के शरीर की मालिश के लिए भी फायदेमंद होता है. इससे उनकी मांसपेशियां मजबूत होती हैं और थकान दूर होती है. पशुपालकों को चाहिए कि वे अपने पशुओं के खान-पान और देखभाल पर विशेष ध्यान दें ताकि उनका दूध उत्पादन लगातार बना रहे.
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