छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का तीसरा दिन : जल जीवन मिशन पर विपक्ष ने सरकार को घेरा

छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का तीसरा दिन : जल जीवन मिशन पर विपक्ष ने सरकार को घेरा

रायपुर :  छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जल जीवन मिशन का मामला उठाया. विपक्ष ने सदन की कमेटी से जांच की मांग की. इस पर पीएचई मंत्री मंत्री गुरु रुद्र कुमार के जवाब से असंतुष्ट बीजेपी सदस्यों ने वॉकआउट किया.

विधायक रंजना साहू ने जल जीवन मिशन में घरेलू नल कनेक्शन देने का लक्ष्य पूरा नहीं होने का मामला उठाया. मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने कोविड और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की वजह से लक्ष्य से पीछे रहने की बात कही. भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा कि 2019-20 और 20-21 में कितनी फ़ीसदी केंद्रांश की राशि मिली और कितनी खर्च हुई. राज्यांश की कितनी राशि मिली? मंत्री के जवाब पर चंद्राकर ने तर्क दिया कि राज्यांश नहीं दिए जाने की वजह से योजना का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ. मंत्री ने कहा कि केंद्र के नियम बार-बार बदलते रहे. इस वजह से भी देरी हुई है. नक्सल एरिया में ठेकेदारों के नहीं जाने की वजह से भी देरी हुई.

विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण पहलू ये है कि तीन सालों के लक्ष्य के अनुपात में राज्यांश नहीं दिया गया है. पीएचई के ठेकेदारों को पाँच-पाँच महीने तक पेमेंट नहीं दिया जा रहा है. केंद्रीय नियम के तहत हर दिन यदि पाँच हज़ार कनेक्शन नहीं दिया जाएगा तो केंद्रांश रोक दिया जाएगा. छत्तीसगढ़ लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहा.
मंत्री ने कहा कि केंद्रांश चार महीने तक रोक दिया था. राज्यांश देने के बाद केंद्र ने पैसा भेजा. अजय चंद्राकर ने कहा कि ये योजना छत्तीसगढ़ में दम तोड़ देगी.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि जल जीवन मिशन के लिये केंद्र से जैसे ही पैसा आया, उसकी बंदरबाँट शुरू हो गई. मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप करना पड़ा. टेंडर रद्द किया गया. ये महत्वपूर्ण योजना है. गरीबों के घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाना है. लेकिन ग़रीबों के घरों तक नल नहीं पहुंचा. 38 लाख 74 हजार कनेक्शन देना है लेकिन क़रीब छह लाख कनेक्शन तीन सालों में दिया गया है. पूरे देश में छत्तीसगढ़ तीसवें नम्बर पर है. मंथर गति से काम चल रहा है. केंद्रीय योजना के तहत आने वाली राशि का लाभ राज्य की जनता को नहीं मिल रहा. इस योजना में भ्रष्टाचार की पराकाष्टा है.

विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सदन की कमेटी से जाँच कराने की माँग की.उन्होंने ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लाखों लोगों को स्वच्छ जल देने से जुड़ा ये मामला है. जीवन स्तर ऊपर उठाने का मामला है. विधायक डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने इस योजना पर उँगली उठाई है. वहीं विधायक रजनीश सिंह ने कहा कि तीन सालों में केंद्रांश और राज्यांश की कितनी राशि इस योजना में आई है और कितनी राशि खर्च हुई. इस पर पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार के जवाब से असंतुष्ट बीजेपी सदस्यों ने वॉकआउट किया.









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