छत्तीसगढ़ में फिर धर्मांतरण को लेकर हंगामा,चर्च में रोकी प्रार्थना सभा हिंदू संगठन बोला- बहला-फुसलाकर करवा रहे आदिवासियों का धर्मांतरण

छत्तीसगढ़ में फिर धर्मांतरण को लेकर हंगामा,चर्च में रोकी प्रार्थना सभा हिंदू संगठन बोला- बहला-फुसलाकर करवा रहे आदिवासियों का धर्मांतरण

राजनांदगांव  : छत्तीसगढ़ में फिर धर्मांतरण को लेकर हंगामा हुआ है। हंगामा इतना बढ़ा कि, 2 चर्चों में आयोजित धार्मिक कार्यक्रमों को बीच में ही रोकना पड़ा। मेनोनाइट चर्च में कलीसिया स्थापना सभा और इंडियन क्रिश्चियन मिनिस्ट्री चर्च में प्रार्थना सभा चल रही थी। मामला मोहला इलाके का है।

जानकारी के मुताबिक, रविवार को हिंदू संगठनों और आदिवासी समाज के प्रमुखों ने इन कार्यक्रमों को धर्मांतरण से जोड़ते हुए विरोध किया था। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता मेनोनाइट चर्च पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि आदिवासी समाज के लोगों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है।

हंगामा बढ़ता देख मौके पर पहुंची पुलिस ने चर्च के अंदर से लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला और मामले को शांत कराया। वहीं, बजरंग दल ने अवैध भूमि पर चर्च होने का दावा किया है।

इंडियन क्रिश्चियन मिनिस्ट्री चर्च में हंगामा

पहले चर्च में विरोध के बाद प्रदर्शनकारी वार्ड नंबर 16 स्थित इंडियन क्रिश्चियन मिनिस्ट्री चर्च पहुंचे। यहां स्थानीय आदिवासी परिवारों को एकत्रित कर प्रार्थना सभा का आयोजन किया जा रहा था। यहां भी हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि आदिवासियों को प्रलोभन देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

अवैध भूमि पर चर्च होने का दावा

हिंदू संगठनों ने प्रशासन से धर्मांतरण पर रोक लगाने और इस मामले की जांच करने की मांग की। बजरंग दल ने यह भी दावा किया कि चर्च अवैध भूमि पर बना है और प्रशासन से इसकी जांच कर कार्रवाई करने की अपील की।

कलीसिया स्थापना सभा के बारे में जानिए

कलीसिया स्थापना का अर्थ है किसी नए क्षेत्र में चर्च या ईसाई समुदाय की औपचारिक स्थापना। इसमें स्थानीय ईसाई अनुयायियों को संगठित करना और नए चर्च का निर्माण शामिल होता है। साथ ही पास्टर की नियुक्ति और सामूहिक प्रार्थनाओं का आयोजन भी किया जाता है।

आगे की कार्रवाई कर रही प्रशासन

मामले में तनाव बढ़ने पर मोहला तहसीलदार दिनेश साहू और पुलिस बल मौके पर पहुंचे। प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया। साथ ही विरोध जारी रहने पर दोनों चर्चों में चल रहे कार्यक्रम रोक दिए गए। ईसाई धर्मगुरुओं और अन्य लोगों को सुरक्षित बाहर निकालकर रवाना किया गया।

मोहला तहसीलदार दिनेश साहू ने बताया कि हिंदू संगठनों ने चर्च में हो रहे कार्यक्रमों को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी। सभा के बाद ईसाई समाज के लोगों को सुरक्षित उनके गंतव्य की ओर भेजा गया है। साथ ही चर्च की जमीन को लेकर की गई शिकायत की जांच की जाएगी।

आयोजनों पर सख्ती से नजर रखने की मांग

वहीं, विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष टेकराम भंडारी ने कहा कि आदिवासी समाज अपनी परंपराओं और संस्कृति से जुड़ा हुआ है, किसी भी प्रकार के अवैध धर्मांतरण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि जिले में इस तरह के आयोजनों पर सख्ती से नजर रखी जाए और कथित धर्मांतरण में लिप्त लोगों पर कार्रवाई की जाए।

भविष्य में बढ़ सकता है विवाद

मोहला जिले में पिछले कुछ सालों में ईसाई समुदाय की गतिविधियों में तेजी आई है। पहले जहां ईसाई अनुयायियों की संख्या कम थी, अब कई गांवों में चर्चों की स्थापना हो रही है। इस बदलाव से हिंदू संगठन खुलकर इसका विरोध कर रहे हैं।









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