जम्मू कश्मीर विधानसभा में बुधवार को जमकर बवाल हुआ. सत्ताधारी दल ने 13 जुलाई 1931 को मारे गए 22 लोगों की याद में छुट्टी बहाल करने की मांग की. दूसरी तरफ बीजेपी ने शहीदों को 'गद्दार' कह डाला.
शहीदों को गद्दार कहे जाने से नेशनल कॉफ्रेंस विधायकों का पारा हाई हो गया. उन्होंने बीजेपी से बयान को वापस लेने की मांग की. सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तकरार हुई.
बता दें कि विधानसभा में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अभिभाषण पर बोलते हुए पीडीपी विधायक वहीद पर्रा ने मांग की कि कश्मीर में 13 जुलाई 1931 को मारे गए 22 लोगों की याद में शहीदी दिवस की छुट्टी को बहाल किया जाए. पर्रा का भाषण खत्म होने पर नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा खड़े हुए. उन्होंने कहा, "1931 में विद्रोह तत्कालीन महाराजा के खिलाफ हुआ था. हम जम्मू कश्मीर बैंक स्थापित करने वाले राजा की रियासत में बैठे हैं. जम्मू में बड़ा अस्पताल और कॉलेज उसी महाराजा की देन है. जान गंवाने वाले शहीद नहीं गद्दार थे."
जम्मू कश्मीर विधानसभा में हंगामा
सुनील शर्मा की टिप्पणी पर नेशनल कॉफ्रेंस समेत कई दलों के विधायक एकमत हुए. उन्होंने सुनील शर्मा के बयान की निंदा की. विधायकों ने विधानसभा स्पीकर से सुनील शर्मा के गद्दार वाले बयान को सदन की कार्यवाही से हटाने की मांग की. नेशनल कॉफ्रेंस समेत अन्य विधायकों की मांग को स्पीकर ने स्वीकार कर लिया.
BJP ने सदन से किया वॉकआउट
बीजेपी विधायकों ने हंगामा करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया. गौरतलब है कि करीब 7 साल बाद जम्मू कश्मीर विधानसभा में बजट सत्र की शुरुआत हुई है. बजट सत्र के पहले दिन उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का अभिभाषण हुआ. उपराज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्षी दलों की मिलीजुली प्रतिक्रिया रही. आज की कार्यवाही शुरू होने पर सदन में जमकर हंगामा हुआ. बीजेपी विधायकों ने वॉकआउट कर दिया.
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