रायपुर: छत्तीसगढ़ में हुए चर्चित शराब घोटाले में ईडी ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ 3773 पन्नों का चालान पेश किया है। चालान में कहा गया है कि लखमा को इस घोटाले की पूरी जानकारी थी और उन्हें हर महीने 1.5 करोड़ रुपये मिलते थे।
ईडी ने बताया कि लखमा इस घोटाले में सिंडिकेट के प्रमुख थे और उन्होंने सिंडिकेट को पूरा सहयोग दिया। शराब नीति में बदलाव करने में भी उनकी अहम भूमिका थी। इसके अलावा, लखमा की भूमिका पर यह भी कहा गया कि उन्होंने शराब दुकान का निरीक्षण करने से पहले आबकारी के वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति ली थी। 28 दिसंबर को ईडी ने कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश कवासी के घर छापा मारा था। जांच और पूछताछ के बाद यह चालान पेश किया गया है।
शराब निर्माता कंपनी ने 1,200 करोड़ कमाए
प्रदेश में हुए शराब घोटाले मामले में ईडी ने अपनी चार्टशीट में बताया था कि घोटाले में 1,200 करोड़ रुपये की राशि शराब निर्माता कंपनियों ने कमाए हैं।
ये हैं आरोपित
कंपनी भाटिया वाइन एंड मर्चेट प्राइवेट लिमिटेडl
छत्तीसगढ़ डिस्टलरीजl
वेलकम डिस्टलरीजl
मेसर्स नेक्स्ट जेन।
दिशिता उद्यम।
ओम सांई वेबरेज।
सिद्धार्थ सिंघानिया, कारोबारी।
मेसर्स टाप सिक्यूरिटी के मालिकों के साथ नवीन केडिया।
भूपेंद्र सिंह भाटिया, कारोबारी।
राजेंद्र जायसवाल, कारोबारी।
आइएएस निरंजनदास।
रिटायर्ड आइएएस अनिल टुटेजा।
आबकारी अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी।
कवासी लखमा, पूर्व मंत्री।
अनवर ढेबर, कारोबारी।
अरविंद सिंह, कारोबारी।
विजय भाटिया, कारोबारी।
आबकारी अधिकारी भेजते थे पैसे
आबकारी विभाग के अधिकारी इकबाल खान और जयंत देवांगन पैसों की व्यवस्था करके कवासी तक भिजवाते थे। कन्हैया लाल कुर्रे के माध्यम से पैसों के बैग जमा किए जाते थे। यहां तक कि कवासी ने स्वयं अपने बयान में यह स्वीकार किया है कि अरुणपति त्रिपाठी उनसे कागजातों पर हस्ताक्षर करवाता था। ऐसे में उन्हें जानकारी थी कि विभाग में बड़ा खेल चल रहा है, इसलिए इस मामले में इनकी संलिप्तता साफ तौर पर दिखाई दे रही है।
शराब से लेकर होलोग्राफ तक बना डाले नकली
शराब घोटाले में शराब निर्माता कंपनियों में नकली शराब बनाने से लेकर, फर्जी होलोग्राम लगाने का काम किया जाता था। वहीं, प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ की डिस्टिलरियों को नकली होलोग्राम उपलब्ध कराए थे। इन होलोग्राम को अवैध शराब की बोतलों पर चिपकाया जाता था। इससे लगभाग 1,200 करोड़ रुपये कमाए हैं।
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