मुखिया के मुखारी –आपकों छत्तीसगढ़ की नियती बदलनी है 

मुखिया के मुखारी –आपकों छत्तीसगढ़ की नियती बदलनी है 

22 मार्च 2025 : समरथ को नहिं दोष गोसाईं,गोस्वामी तुलसीदास की कालजयी सूक्ति आज भी अक्षरसह सही साबित हो रही है,दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर में लगे आग ने उनकी और न्यायपालिका की पोल खोल दी,करोड़ो रूपये नगद बरामद होने की खबरों के बाद सामर्थ्यवानों का खेल चालू हुआ ,उच्चतम न्यायालय ने स्थानांतरण की सिफारिश कर दी,क्या यही न्याय है ? यदि किसी आमजन के घर से करोड़ो रूपये बरामद हुए होते तों क्या यही होता ? न्यायधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया पर पहले से प्रश्न चिन्ह लगे हुए है, कालजेयीम भाई भतीजावाद से ग्रस्त है ,रायपुर में कार से पुलिस ने करोड़ो रूपये बरामद किए,शुरुआती खबरों में आंकड़े कम करके बताए गए पर आपसी फुट ने जब्ती रकम का वास्तविक आंकड़ा खोल दिया,अधिकारियों ने मायूसी के साथ स्वीकार किया,जब्त रूपये के आंकड़ो का अंतर बता रहा की नियत में बेमानी थी । न्यायधीश और पुलिस का हाल यदि ये है तों फिर देश को भर्ष्टाचार से कैसे मुक्ति मिलेगी ? राजनेता ,उच्चअधिकारी ,पुलिस ,न्यायधीश सब भर्ष्टाचार के सहभागी तों भाग देश का सवरेंगा  कैसे ? छत्तीसगढ़ की पुरवर्ती सरकार घोटालों की भेट चढ़ गई ,घोटालों की फेहरिस्त ख़त्म ही नही हो रही,मुख्यमंत्री स्कुल जतन योजना के नाम पर 1500 करोड़ की बंदरबांट हो गई,ना स्कुल सवंरे, ना शिक्षा का स्तर सुधरा, पर नेता और अधिकारियों के भाग सवंर गए ,जीवन स्तर सुधर गया  । लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अभियंताओं के काले कारनामों पर तत्कालीन जिलाधिशों की सहमती थी,तत्कालीन सरकार का संरक्षण था ,हिस्सेदारी सबकी थी,सबने जमकर भर्ष्टाचार की गंगा में डुबकी लगाई । 

घोटालों से कमाए गए काले धन से जमीने खूब खरीदी गई ,सरकारी संरक्षण में हो रहे घोटालों से कमाए गए काले धन के निवेश के सरकारी रस्ते ढूंढे गए,पिछले कई सालों से प्रदेश में जमीन के सरकारी दर ही नही बढ़ाये गए बल्कि उसमें 30 % की छुट दे दी गई, 7 हजार फीट बाजार भाव में बिकने वाली जमीनों, मकानों की पंजीकरण 12 -13 सौ रूपये में हो रहे, ये हाल प्रदेश की राजधानी का हैं,रियल स्टेट के धंधे में काले पैसों का जोर है,बाजार भाव 10 करोड़ तों पंजीयन 2 करोड़ में ,सुव्यवस्थित भ्रष्टाचार का ये तरीका मंत्रियो ,अधिकारियों ने सिर्फ भू माफियाओं को फायदा पहुँचाने के लिए नही किया ,इस सुव्यवस्था के वों खुद हिस्सेदार हैं, ग्राम सचिव से मुख्यसचिव तक आरक्षक से डीजीपी तक ,सरपंच से मुख्यमंत्री तक भ्रष्टाचार की छींटे, खादी ,खाकी ,कोट सबके दामन पर भ्रष्टाचार के दाग हैं,सरकार बदली पर व्यवस्थाएं नही बदल रही,आदत में शुमार हो चुके भ्रष्टाचार को मिला सरकारी संरक्षण सबकों दुस्साहसी बना रहा,सब मैनेज हो जायेगा हमी राजा हमसे कौन सवाल पूछेगा ? सरकार बदल गई पर अधिकारियों की प्रवृति नही बदल रही ,अर्जुनी लक्ष्य है भ्रष्टाचार की मछली की आँख पर नजर है,रग रग में भ्रष्टाचार आत्मसात है ,नई सरकार को आए एक साल हो गए अभी तक प्याज के छिलके उतारे जा रहे, भ्रष्टाचार की परतें रोज खुल रही ,क्या सरकार का अधिकारियों पर नियंत्रण नही है ? या फिर तालाब की पूरी मछलियाँ ख़राब हैं, सड़ांध है ।

पूर्ववर्ती सरकार की कैग रिपोर्ट कहती की कांग्रेस सरकार कचड़ा प्रबंधन नही कर पाई, तों फिर सरकार चली कैसे ? या फिर इन्ही वजहों से सरकार चली गई, पर इस सरकार में भी वैसे ही झोल दिख रहे, विभाग दर विभाग भ्रष्टाचार के खेल हो रहे ,हर धंधे में निवेशक ,अधिकारी ,नेता ही बन रहे पुराने घोटालों की जाँच चल रही हैं कई जेल पहुँच गए पर मनमानी नही थम रही ,जनसंपर्क में  व्यापक भ्रष्टाचार हो रहा,इस गठजोड़ का व्यापक ही सबसे बड़ा  खिलाड़ी है ,पर व्यापक की व्यापकता पर नही पड़ रहा कोई अंतर है ,बिहार दिवस छत्तीसगढ़ में मनाने की सुगबुगाहट है,क्या है ऐसा की छत्तीसगढ़ की सरकार में बिहारियों का व्यापक असर है,झारखंड में छत्तीसगढ़ के बेटे और समधी को हराने छत्तीसगढ़ की पूरी तत्कालीन सरकार उतर गई , बिहार के कुर्मी सम्मेलन में तब के मुखिया ने अपनी सहभागिता दी थी ,छत्तीसगढ़िया अस्मिता से बड़ी तब जाति अस्मिता साबित हो गई थी, आज फिर बिहार प्रेम किस अस्मिता का प्रादुर्भाव है ,क्या बिहार में छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस मनाया जाता है? फिर वही ढफली फिर वही राग क्यों ? विचार नही बदल रहे  लगता है ,आचार का नवीन कमाल है या फिर मंत्रालय में बहार ही बहार सिर्फ बिहार का है ? बयार कैसी ये बह रही जहां दावे तों सुशासन के हैं पर अधिकारी अनुशासन के बाहर हैं,ऐसे कैसे गढ़ेंगे छत्तीसगढ़? क्या होगा चाल चरित्र ,चेहरे के दांवो का या फिर दांवे दांवे ही रहेंगे ?जेल प्रशासन तुला में मेढको को तौल नही पा रहा ,कार्य दुरूह है और दुरूहतम बना रहे,भिन्दोलो को भेजने की तैयारी कर रहे ,गठजोड़, नीयत, जेल पुलिस, न्यायालय का क्या छत्तीसगढ़ियो को न्याय दिला पायेगा ? ऐसे कैसे होगा विजय ?नियत बदलनी होगी छत्तीसगढ़ियो ने जीत का सेहरा बाँधा है आपकों, सुशासन के दांवे नही नारायणी नाम नही नारायणी सेना को नारायणी काम करने होंगे क्योकिं --------------------------------------------आपकों छत्तीसगढ़ की नियती बदलनी है

चोखेलाल
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मुखिया के मुखारी में व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल
 






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