24 मार्च 2025: "अति सर्वत्र वर्जयेत" अनर्गल बातों और एजेंडा चलाने की वजह से इरफ़ान पठान को बीसीसीआई ने कामेंट्री टीम से बाहर कर दिया कार्यवाही हो गई। राज्यसभा में महान योद्धा राणा सांगा पर अनर्गल आरोंप लगा, हिंदूओ को गद्दार कह कर भी सपा सांसद सुमन बचे हुए हैं,घावों से भरे शरीर देश सेवा के भावों से परिपूर्ण राणा सांगा ने बाबर को युद्ध में हराया, सैकड़ो लड़ाईयां लड़ी उन पर ओछी टिप्पणी कर सुमन ने बताया की वों सड़े सुमन है ,जिसकी सुगंध दुर्गंध में बदल गई है, सुमन जमीन में गिर गया अर्पण योग्य नही रहा, अगली बार वोटों का अर्पण बंद तर्पण ही होना चाहिए उसका,सपा घोर जातिवादी पार्टी है ,जिसके पीडीए में स्वर्णों की घोषित रूप से कोई जगह नही है,राणा सांगा सिर्फ राजपूत नही थे ,वों देश के सपूत थे,सपा वहां भी जाति ढूंढ रही है,अखिलेश ने सपा पे कब्जा करने के लिए मुलायम सिह के साथ क्या किया था ? इसीलिए मुलायम ने अखिलेश को औरंगजेब कहा था ,जिस कांग्रेस ने आपतकाल में मुलायम को जेल में बंद किया उसी कांग्रेस से सपा ने हाथ मिलाया,क्या ये गद्दारी की परिधि में नही आता है ? अखिलेश पिता के नही हुए ,अब तों ससुरालियों का भी सम्मान नही कर रहे,डिंपल राजपूत बेटी है यदि राजपूतों के शौर्य से लगाव नही ,तों फिर ये रिश्ता कैसे निभा रहे?
हिंदू विरोध सवर्णो से हद दर्जे की नफरत और सवर्ण बेटी से शादी दोहरी मानसिकता के हैं ये आदि,दलित प्रेम दिखावा है इन्होंने ही दलित बेटी मायावती का मान घटाया था ,गेस्टहाउस कांड सबकों याद है,कब किसी दलित बेटी को अपनी कुलवधू बनाएंगे?दिखावा नही आत्मीय रिश्ता बनाएंगे? जातिवाद को जड़ से मिटायेंगे,जिस औरंगजेब ने क्रूरता की सारी हदें पार की उसके बचाव में खड़े हैं,पर राणा सांगा के विरोध में निम्नतर से भी नीचे स्तर पर खड़े हैं, राजपूत बेटी के सुहाग होने का ही मान रख लेते, राणा से रण में हार ही होनी है,अवसान आपकी राजनीति का निकट है,समस्या औरंगजेब ,राणा वाली विकट है, राजनेता मत में भी धर्म जाति देख रहे किसने दिया ये अधिकार आपकों जों मतों को भी धर्मनिरपेक्ष या संप्रदायिक बता रहे ? मनु स्मृति की तों रोज मीमांसा करते पर हलाला पर मौन हैं,पारसी,जैन बौद्ध ,सिक्ख क्या सिर्फ कहने के अल्पसंख्यक हैं ,मानते आप सिर्फ मुस्लिमों को अल्पसंख्यक क्यों ? हिंदूओ के धर्मांतरण की सबसे बड़ी वजह जातिप्रथा और अस्पृश्यता को बताने वाले ये बताओं जब मुसलमानों में जातिप्रथा नही हैं तों फिर उन्हें जाति प्रमाण पत्र कौन दे रहा? आरक्षण के लिए ,अस्पृश्यता हिंदूओ की ख़राब है तों फिर हलाल के नाम पर सिर्फ मुस्लिम काटेगा तभी मुस्लिम खायेगा ये क्या है ,गीत ,संगीत ,नाच गाना गैर सरियाई हैं तों फिर फिल्म जगत में इतने सारे मुस्लिम कैसे हैं ? फिर तों टीवी के पर्दों पर आना भी गैर इस्लामिक है।
एकलव्य के अंगूठे कटवाने की बात रोज करने वालों कभी "गाजी" के मायने भी हमे समझा देते,देवी मंदिरों में बली नही होनी चाहिए तों फिर बकरी ईद की कुर्बानी कैसे जायज होती है? बाल विवाह गलत है तों वों हर भारतीय के लिए गलत होगी फिर अरब के शेख हैदराबाद आकर क्या करते हैं? सती प्रथा गलत तों हलाला कैसे जायज ? बहुविवाह की अनुमति फिर कैसे किसी भारतीय को मिली, बहुविवाह तों हिंदूओ में भी होता था फिर उस पर पाबंदी कैसे लगी ? हम भी गणेश जी की पूजा आदिकाल से आजतक रिद्धि-सिद्धि के साथ करते हैं ,हमारे पुराणों में भी बहुविवाह के प्रमाण हैं ,संविधान देश का सर्वोपरी है तों फिर ये सबके लिए ऐसा ही हों, यदि बात वसुधैव कुटुंबकम की है तों फिर गजवा ए हिन्द क्या है ? समरसता में कैसे कोई काफिर, मस्जिदों के सामने जय श्री राम के नारे लगाने से भावनाएं भड़क जातीं है, तों फिर मस्जिदों के लाउडस्पीकर से पुरे शहर को अल्लाह हु अकबर के नारे रोज पांच बार सुनाने के बाद भी सदभावना कैसे बनी रहती है? एक ही देश में कैसे इलाकों को संवेदनशील कह दिया जाता है ,क्या होता है इसका पैमाना ? कश्मीर में हिन्दू मुख्यमंत्री बन पायेगा कब वों दिन आएगा ?हर चुनावों की बातें होती हैं, जिस चुनावों ने देश बांटा उस 1946 के चुनावों की बातें क्यों नही होती? जैसे इतिहास के पन्ने अबू आजमी ने खोले वैसे ये पन्ना आप ही खोल लेते पढ़कर पुरे भारतीयों को बता देते, प्रेम पवित्र होता है ,किसी से प्रेम करने के लिए किसी से घृणा क्यों ? बुराईयां छोड़ अच्छाईयां अंगीकार कर सभ्य समाज बनाना है तों समदर्शिता का आभाव क्यों ? जिनके घरों में बिश्वा भर जमीन नही थी वों नेता बनते ही बेहिसाब सम्पतियों के मालिक कैसे बन गए? इस देश में पीडीए समाज के कितने राजा हुए कभी ये भी बता देते,यदुवंशी भगवान श्री कृष्ण की पूजा तों हर सनातनी करता है,आप भी यदुवंशी बताते अपने आपको हैं,मथुरा में ही कृष्ण जन्मभूमि पर मत्था टेक आते,वैसे यदुवंशी कंश भी था,जाति नही कर्म से सम्मान या तिरस्कार मिलता है, जिनकी मनोवृत्ति में स्वार्थ और घृणा भरी है वों अपना आशियाना ही जला बैठते हैं, पीहर हर बेटी को प्यारा होता है ,बाबुल को बद्दुआ क्यों ? हिंदूओं का सम्मान नही कर सकते तों कम से कम ---------------------- जिसकी मांग भरी उसका ही मान रख लेते...
चोखेलाल
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मुखिया के मुखारी में व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल
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