30 मार्च 2025 : जाँच एजेंसियों के छापे लगातार जारी है आरोपियों की फेहरिस्त रोज लम्बी होती जा रही है,घपले घोटालों के जाँच की आंच धीरे -धीरे पुरोधाओं को भी महसूस हो रही ,प्यादे, गुलाम तों जेल में निरुद्ध है ही ढाई घर चलने वाले घोड़े शतरंज में ही चारो खाने चित्त हैं,छत्तीसगढ़ के पूर्ववर्ती सरकार ने पूरी समदर्शिता के साथ घोटाले किए बेनामी संपत्तियां बनाई, पूर्व मुख्यमंत्री परिवार सहित जाँच के दायरे में, मंत्री विधायक जेल में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जेल में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के उपर आरोपों की जाँच चल रही ,राज्य सेवा के प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों की भी संलिप्तता घोटालों से लेकर सट्टे तक दिख रही ,आरक्षक जेल में अधिकारी जेल की डेहरी में ,अगड़े ,पिछड़े, दलित ,अल्पसंख्यक ,महिला ,पुरुष सब के सब जेल में या जाँच के दायरे में ,पूर्व मुख्य सचिव भी कई भूतपूर्व विधायकों ,विधायकों कांग्रेस के बड़े छोटे नेताओं के साथ नामजद आरोपी हैं ना कोई छोटा ,ना कोई बड़ा सबकी भ्रष्टाचार में हिस्सेदारी है,अब तों IAS पति पर भी FIR हो गई,दंपति के आरोपी बनने से IAS अफसरों को अपनी बिरादरी पर गुमान हो रहा होगा,क्या राजा ,क्या रंक ,क्या बुद्धजीवी,क्या बुद्धिहीन ,क्या कर्मचारी ,क्या अधिकारी सब भ्रष्टाचार के अनुरागी।
गंगोत्री से लेकर गंगा सागर तक भ्रष्टाचार की अविरल धारा इन्होंने खूब बहाई ,दूषित हो गंगा ने छत्तीसगढ़ को पाप से मुक्ति दिलाई दूषित सरकार को बहा ले गई,इन परिस्थितियों में सरकार और सरकारी तंत्र की क्या छवि छत्तीसगढ़ियों के मन में होगी ,कुकर्मों को छिपाने के लिए कुतर्कों की बौछार हो रही ,पूरी बेशर्मी और बेहयाई से चोरी उपर से सीना जोरी ,पवित्र गाय की भूमिका में न विधायिका है ,ना कार्यपालिका,न्यायपालिका पर भी प्रश्न चिन्ह है,लोकतंत्र का तथाकथित चौथास्तम्भ मीडिया मीडिल मेंन की भूमिका में है,भ्रष्टाचार वों जादुई ताकत है जिसमे बड़े -बड़ो के ईमान डोला दिए, व्यापक सामूहिक भ्रष्टाचार सालों तक निर्बाध चला जों इनकी आदत में शुमार हो गया क्या वों बिरादरी सरकार बदलते ही ईमानदार हो गई होगी ? राजनीति यदि संभावनाओं का खेल है तों पीठ खुजाने की कला भी है, भ्रष्टाचार के आरोंप ,आरोंप ही रह जाते है और यदि कभी सजा हो भी जाए तों अंतर क्या आता है ? लालू तब भी नेता थे अब सजायापता हैं पर नेता हैं, चारा जमीन खा बिहार का भविष्य संवारने का दंभ भर रहे चाटुकार उनके लिए भारत रत्न की मांग कर रहे ।
आग लगी तों न्यायमूर्ति की पोल खुली भ्रष्टाचार की व्यापकता चहुँओर है, ना खाऊंगा ,ना खाने दूंगा यही एक उम्मीद की किरण है, छ. ग.सरकार को कार्यवाही इन घपले घोटालों के आरोपियों के खिलाफ करनी ही होगी ,सुशासन के दावे ,दावे ही रह जायेंगे यदि जनता का विश्वास टूट गया ,जनमत को कानूनी दांव पेंचो में ना उलझाइये,कार्यवाही को प्रभावित करने पूरी बिरादरी लगी है,चर्चित पुलिस अधिकारी रायपुर से बस्तर भेजे गए क्योकि ख्याति कुख्याति में बदल गई थी ,अधिकारी जों पुलिस के अभिषेक थे कलंक का टीका बन चुके थे पुलिस सरकार का इक़बाल बुलंद करती है ,पर ये भ्रष्टाचार में अपना बाल -बाल बुलंद कर रहे थे ,आकाओं के लिए सटोरियों के आका बन अवैध पैसों की उगाही कर रहे थे ,पुलिस हर असंवैधानिक कृत्य में संलिप्त थी,जिनके हाथों में न्याय की बागडोर थी वों सत्ता के चाबुक से भ्रष्टाचार के घोड़े दौड़ा रहे थे ,ना प्रशांत शांत, पल्लव सट्टे के फुल पल्लवित कर रहे थे ,भ्रष्टाचार से छबड़ाए ( सने ) साहब नाम के ही आनंद रह गए, शेख की शेखी पुरे छत्तीसगढ़ ने देखी ,फिर भी इन्हें बचाने की कोशिशें क्यों हो रही ?
क्राइम वाले साहब से क्रीम की चाहत में राजधानी के भाजपा नेता की दिल्ली तक की सेटिंग वाली दौड़ की कानाफूसी बीजेपी वाले ही कर रहे ,वों तों सीबीआई के छापे ने खेल बिगाड़ दिया,दवा घोटाले के आरोपी खैर बचाए हुए हैं खैरागढ़ में कलेक्टर बन अभी भी बिराजे हुए हैं,वनविभाग के प्रमुख भ्रष्टाचार का सालों से सबसे लम्बा इतिहास लिख रहे हैं ,जेल में निरुद्ध दवा घोटाले का आरोपी विधानसभा तक अपनी पहुँच बता रहा डींगे चपड़-चपड़ हांक रहा ,कोंडागांव (बस्तर ) में रेत की तस्करी हो रही, आरंग में आरे से नही जेसीबी से महानदी कट रही , रेत ही नही मुरम के लिए भी धरती खोदी जा रही,ये हिम्मत आता कहां से है ? ये रिश्ता कहलाता क्या है ? नियती पूर्ववर्ती सरकार की देखी है फिर भी पथानुगामी हो रहे,जिलाधीश बिलासपुर अरपा में फावड़ा चला रहे पानी तों ही मिला अरपा में हाई कोर्ट की फटकार खा रहे,रोगी हैं ,छपास रोग के अपनी ही नही सरकार की छवि ख़राब कर रहे, कोष के कमाल से पूर्व कोषाध्यक्ष सालों से भूमिगत हैं, संबंध समधियों वाला लोग निभा रहे,भ्रष्टाचार की जीरो टॉलरेंस में यदि उनके हाइवे को छत्तीसगढ़ियों ने नाकारा तों आपकी पगडंडी भी बर्दाश्त नही होनी है, सुशासन के दावे नही न्याय चाहिए ,न्याय रहित निर्णयों से सुशासन की कयामी नही हो सकती, दरी भ्रष्टाचार की पुरे बिरादरी ने पकड़ रखी थी,पूरी बिरादरी को उखाड़ फेकना होगा, एक -एक से पाई -पाई का हर घपले घोटालों का हिसाब लेना होगा क्योकिं---------------------पूर्व भाग्य विधाताओं के कुकर्मों ने बिगाड़ा छत्तीसगढ़ का भाग्य
चोखेलाल
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मुखिया के मुखारी व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल की टिप्पणी
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