मुखिया के मुखारी –न्याय कब कैसे और कौन सी सरकार देगी ?

मुखिया के मुखारी –न्याय कब कैसे और कौन सी सरकार देगी ?

5 अप्रैल 2025 :  CGMSC घोटाले की उलझन क्या सुलझ रही या जाँच उलझ रही है,इस घोटाले में जितनी गिरफ्तारियां हुई है ,क्या उतने ही जिम्मेदार है ? या फिर मंथर गति से जाँच की जानी है, ताकि कुछ अपनों को सुरक्षित रास्ते निकलने के लिए मिल जाये,सहायक औषधि नियंत्रकों, और औषधि निरीक्षकों के समूह ने बिना किसी प्रशासनिक और राजनीतिक संरक्षण के इस घोटाले को अंजाम नही दिया,ना ये संभव था ,जवाबदेह IAS अधिकारी पर अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई है,अभी भी वो खैरागढ़ में अपना राज चला रहे जिला दंडाधिकारी का दायित्व निभा रहे ,राजनीतिक आकाओं का तो कोई नाम ही नही ले रहा ,सागर की लहरों से अभी भी डर है या फिर बाबा की तरह जाँच एजेंसियों को रहना ही मौन है,कुछ अधिकारी CGMSC के आरोपियों से पेशी में मिल रहे ,फिर भी जाँच एजेंसी को सुराग नही मिल रहे,दवाई दुकान के लाइसेंस के लिए 30 हजार से 80 हजार तक की रिश्वत MR चंद्राकर लेते आकाओं के पास जमा करवाते दुसरे चंद्राकर ने आकाओं के लिए बेनामी जमीनें खरीदी,प्रिज्म मेडिकल, तुलस्यान फार्मा में कौशिक साहब की लगी काली कमाई है ,वर्मा ,शर्मा पांडेय जी ने भी अकूत सम्पति बनाई है ,इन सब पर नजरे इनायत करके रखी थी कौशिक बाबु ने, पति -पत्नी दोनों ने सालों से सैलरी बैंक से ही नही निकाली है ,क्या बिना खर्चे के शाही जिन्दगी जी जा सकती है ? या फिर ये 9M की चमत्कारी दवाई का कमाल है ? नीरज साहू ,परमानंद वर्मा है तो औषधि निरीक्षक पर इनका जलवा भी है पूरा -पूरा घोटालों के हर घट बढ़ की इन्हें मालूमात है।

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संरक्षण के दावे पर दावे हो रहे करोड़ों के लेंन देन की मुह बयानी हो रही है ,अंकल ने सुविधा दिलाई मोक्ष वाले चोपड़ा जी बीमार हों हास्पिटल घूम आये अंकल की कृपा विशेष के भी कुछ कारण होंगे ,सरकार बदल गई पर व्यवस्था हमारी ही चलेगी ये चपड़-चपड़ दिन रात हो रही, फिर भी जाँच है की इनके दवारे तक नही पहुँच रही, नाम भी ले लो, कागज भी, बस वादा कर दो की घोटालेबाजों को सजा मिलेगी, जाँच एजेंसियों को चाहिए यदि कोई सहयोग तो करों इशारा ,साक्ष्य के कागज आपके दफ्तर तक पहुँचेगी,पर जाँच करने वाले ही जांचों में उलझे हैं, अपनी गेसुवें सुलझ नही रही तो झुल्फे कैसी खींचे ये आरोपियों की, आरक्षक से लेकर बड़े पुलिस अधिकारियो की संलिप्प्ता की बात हो रही थी ,कुछ जेल पहुँच गए, कुछ आरोपी बन गए और कुछ बचे हुए हैं क्यों  ? अब तो उनके सट्टा पैनलों के मालिकाना हक़ के प्रमाण मिलने की भी सुगबुगाहट है,महादेव सट्टा एप्प छत्तीसगढ़ से बाहर दुसरे राज्यों के शहरों में भी संचालित हो रहा ,ये संयोग है की इन्ही राज्यों के मूल निवासी हैं,छत्तीसगढ़  के ये पुलिस अधिकारी,पुलिस की गुप्तचर शाखा क्या सोई थी ,किसी पुलिस अधिकारी को भनक नही थी ,भनक क्या इन्हें तो सनक थी सट्टा से अवैध उगाही की कमाई की भी आरक्षक से IG तक सब सट्टा ब्रांच के मालिक बने बैठे हैं।

आज भी अवैध कमाई में लगे है जिनके घरों से करोड़ो और साक्ष्य बरामद हुए वो पूछताछ के बाद छोड़ दिए गए ,मामूली सटोरिए से लेकर नर्सिंग होम संचालक तक ये मेहरबानी हुई ,खूब उगाही हुई लग्जरी गाड़ियों का रेला, फार्महाउस, बेनामी संपत्तियां ऐसे ही गई बटोरी ,गोरा काला हर तरह के सटोरियों से इनका संबंधन निराला, ASP साहब तो सबूत पढ़कर भी सटोरियों को छोड़ दिए ,ASP का मतलब "आ सबूत पढ़े" इतना ही समझ लिए, अकूत संपत्ति कुटी इन पुलिसवालों ने ,करके कुट्टी कानून से आरोपों से घिरे अकूत संपत्तियों के इन अधिकारियों के हिम्मत की दाद देनी होगी ,ये संरक्षण की आस लिए भाजपा नेताओं की डेहरियां लांघ रहे त्योरियां चढ़ी या चढ़ाने की मज़बूरी थी पर मुलाकात ना हो पाई ,मुखिया पुराने की छाप है पीठ पे, माथे पे आरोपों के टीके, वर्दी पर दाग हैं, ऐसे में कोई कैसे पनाह दे उड़ता तीर ले, साहबों की ये बदहवासियाँ बता रही कि गिरेबांह तक कानून के हाथ पहुँच रहे ,बेचैनियाँ बढ़ रही सपत्नीक हाजरियां लग रही, अपने ही कार्यालयों में कागज खंगाल रहे ,अवकाश आवेदन लगा रहे,सरकार बदली समय बदला पर क्या व्यवस्थाएं बदलेंगी ? CGMSC  घोटाला है, महादेव सट्टा एप्प सब घोटालों की वजह है,जब सट्टो के पैसों के लिए पुलिस बईमान हो गई, सरकार के नीयत में ही भ्रष्टाचार समाहित हों गई, ईमान मुखिया का जब डोल गया तों फिर ईमान सरकारी कारिंदों का कौड़ी से लेकर करोड़ो में बिकने लगा, व्यापारी सब दलाल बन गए, सब के सब मालामाल हो गए, माल छत्तीसगढ़ियों का  लुट बेशर्मी की चादर ओढ़े हैं,भाग्य विधाताओं ने ही बिगाड़ा है भाग्य छत्तीसगढ़ का ,घोटाले उस सरकार के जाँच इस सरकार की सवाल है, छत्तीसगढ़ियों का -----------------------------न्याय कब कैसे और कौन सी सरकार देगी ?

चोखेलाल

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मुखिया के मुखारी व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल की टिप्पणी






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