भारतमाला प्रोजेक्ट की अनियमितताओं और घोटाले को लेकर जांच अब तेज,11 जिलों के कलेक्टरों को पत्र जारी

भारतमाला प्रोजेक्ट की अनियमितताओं और घोटाले को लेकर जांच अब तेज,11 जिलों के कलेक्टरों को पत्र जारी

रायपुर  : भारतमाला प्रोजेक्ट की अनियमितताओं और घोटाले को लेकर जांच अब तेज हो गयी है। राज्य सरकार ने जांच का दायरा व्यापक कर दिया है। राज्य के राजस्व विभाग के सचिव अविनाश चंपावत ने रायपुर समेत 11 जिलों के कलेक्टरों को पत्र जारी कर तत्काल प्रभाव से जांच शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

इन जिलों में धमतरीकांकेरकोण्डागांवकोरबारायगढ़जशपुरराजनांदगांवदुर्गबिलासपुर और जांजगीर-चांपा शामिल हैं। संबंधित जिलों के कलेक्टरों को यह आदेश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत हुई भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया की विस्तृत जांच करें और रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को सौंपें।

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आपको बता दें कि ये मामला विधानसभा में भी खूब गूंजा था। कांग्रेस इस मामले में CBI जांच चाह रही है। विधानसभा के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने भी इस मामले को लेकर सरकार से सीबीआई जांच की मांग की थी। हालांकि सरकार ने इसकी जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी है। कुछ दिन पहले ही नेता प्रतिपक्ष ने इसे लेकर प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी थी।

क्या है भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाला?
भारतमाला प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके अंतर्गत देशभर में हाईवे नेटवर्क को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर सड़क निर्माण और चौड़ीकरण किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ में भी सड़कों के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अपनाई गई।

हालांकि, इस अधिग्रहण प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए हैं। आरोप है कि कुछ अधिकारियों और भू-माफियाओं की मिलीभगत से सरकारी मुआवजे का गलत तरीके से भुगतान किया गया, जिससे राज्य को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ।

EOW की सक्रियता भी बढ़ी
इस मामले में आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) ने भी कार्रवाई तेज कर दी है। EOW ने राजस्व विभाग से पूर्व में की गई जांच की रिपोर्ट की मांग की है। इससे स्पष्ट है कि इस पूरे मामले में अब गहन जांच की तैयारी है और दोषियों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

भूमाफिया और भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई तय
राज्य सरकार अब इस पूरे घोटाले से जुड़े भूमाफिया और भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्ती से निपटने की दिशा में अग्रसर है। सभी जिलों के कलेक्टरों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वे जांच के दौरान संदेहास्पद भूमि सौदों, रिकॉर्ड में की गई हेराफेरी और मुआवजे के वितरण में गड़बड़ियों की विस्तृत जांच करें।

जनता की निगाहें जांच पर टिकी
इस बहुचर्चित घोटाले की गंभीरता को देखते हुए आम जनता और नागरिक संगठन भी इस पर नजर बनाए हुए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य सरकार और जांच एजेंसियां किस हद तक जाकर दोषियों को न्याय के कटघरे तक पहुंचा पाती हैं।

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