नई दिल्ली : हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा पर हनुमान जन्मोत्सव मानाया जाता है। इस दिन पर आप हनुमत पंचरत्नम का पाठ कर सकते हैं, जो आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा रचित है।इससे पाठ से आपको जीवन में अद्भुत परिणाम देकने को मिल सकते हैं। माना जाता है कि इसका पाठ करने से साधक को हनुमान जी के साथ-साथ श्री रामचंद्र की भी कृपा की प्राप्ति होती है।
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श्रीहनुमत पंचरत्नम
वीताखिल-विषयेच्छं जातानन्दाश्र पुलकमत्यच्छम् ।
सीतापति दूताद्यं वातात्मजमद्य भावये हृद्यम् ॥१॥
तरुणारुण मुख-कमलं करुणा-रसपूर-पूरितापाङ्गम् ।
सञ्जीवनमाशासे मञ्जुल-महिमानमञ्जना-भाग्यम् ॥२॥
शम्बरवैरि-शरातिगमम्बुजदल-विपुल-लोचनोदारम् ।
कम्बुगलमनिलदिष्टम् बिम्ब-ज्वलितोष्ठमेकमवलम्बे ॥३॥
श्री हनुमत पञ्चरत्नं स्तोत्र में श्री हनुमान की विशेषता के बारे में बताया गया है। माना जाता है कि अगर हनुमान जी की पूजा में हनुमत पंचरत्नम का पाठ किया जाए, तो इससे जातक को मंगल दोष के साथ-साथ शनि दोष के प्रभावों से भी राहत मिल सकती है।
दूरीकृत-सीतार्तिः प्रकटीकृत-रामवैभव-स्फूर्तिः ।
दारित-दशमुख-कीर्तिः पुरतो मम भातु हनुमतो मूर्तिः ॥४॥
वानर-निकराध्यक्षं दानवकुल-कुमुद-रविकर-सदृशम् ।
दीन-जनावन-दीक्षं पवन तपः पाकपुञ्जमद्राक्षम् ॥५॥
एतत्-एतत्पवन-सुतस्य स्तोत्रं
यः पठति पञ्चरत्नाख्यम् ।
चिरमिह-निखिलान् भोगान् भुङ्क्त्वा
श्रीराम-भक्ति-भाग्-भवति ॥६॥
इति श्रीमच्छंकर-भगवतः
कृतौ हनुमत्-पञ्चरत्नं संपूर्णम् ॥
हनुमान जी के मंत्र
1. ॐ श्री हनुमते नमः॥
2. मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्।
वातात्मजम् वानरयूथमुख्यम् श्रीरामदूतम् शरणम् प्रपद्ये॥
3. हनुमान गायत्री मंत्र -
ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।
तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥
कर सकते हैं ये उपाय
हनुमान जन्मोत्सव के दिन राम जी की भी विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें। इसी के साथ हनुमान जी की पूजा के दौरान उनकी कृपा प्राप्ति के लिए आप उन्हें बूंदी, गुड़-चना और इमरती का भोग लगा सकते हैं। इसी के साथ हनुमान जी को पान का बीड़ा और नारंगी रंग का सिंदूर अर्पित करना भी काफी शुभ माना गया है। हनुमान जन्मोत्सव के विशेष अवसर पर आप हनुमान मंदिर जाकर परिक्रमा करें और चमेली के तेल का दीपक जलाएं। इस सभी कार्यों को करने से बजरंगबली जल्दी प्रसन्न होते हैं।
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