परमेश्वर राजपूत, गरियाबंद : बानबरद, दुर्ग में युवाओं के सर्वांगीण विकास और सशक्तिकरण की दिशा में एक सार्थक कदम उठाते हुए, नगर पालिका परिषद अहिवारा के सहयोग से वार्ड क्रमांक 15 के कर्मठ पार्षद मुकुंद पटेल एवं आध्यात्मिक युवा नेतृत्व दल – छत्तीसगढ़ी समाज द्वारा एक प्रेरणादायक युवा संवाद एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस संवाद में स्थानीय युवाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया और जमीनी हकीकत को बेझिझक सामने रखा।
कार्यक्रम में निम्नलिखित मुद्दों पर विशेष रूप से चर्चा हुई:
एक युवा ने चिंता जताई कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में 8वीं कक्षा तक विद्यार्थियों को नियमपूर्वक अगली कक्षा में प्रमोट किया जाता है, भले ही वे विषय की मूलभूत समझ में कमजोर हों। इससे उच्च कक्षाओं में पढ़ाई का स्तर गिरता है और विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई में गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
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विद्यार्थियों ने बताया कि करियर गाइडेंस और मार्गदर्शन का पूर्णतः अभाव है। सरकारी शिक्षा व्यवस्था में वैश्विक दृष्टिकोण और भविष्य उन्मुख जानकारी का नितांत अभाव है, जिससे छात्रों को यह समझ ही नहीं आता कि उनके लिए उपयुक्त करियर विकल्प कौन-से हैं और उन्हें पाने का मार्ग क्या हो सकता है।
कई युवाओं ने यह साझा किया कि विद्यालयों में प्रेरणा, प्रगति की निगरानी एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षण का अभाव है। इसके साथ ही परिवार की आर्थिक अस्थिरता उन्हें प्रारंभिक अवस्था में ही श्रमिक के रूप में बड़ी कंपनियों में काम करने हेतु विवश कर देती है। शिक्षा से उनका जुड़ाव कम हो जाता है और वे अपनी उम्र से पहले ही रोजगार की दौड़ में उतरने को मजबूर हो जाते हैं।
जिन छात्रों में खेल या सांस्कृतिक क्षेत्रों में दक्षता है, उन्हें गांव में ऐसे कौशलों के लिए कोई उचित मंच या मार्गदर्शन नहीं मिलता। इससे वे सीमित विकल्पों जैसे कॉमर्स या आर्ट्स तक सिमट जाते हैं, जबकि उनकी प्रतिभा कहीं अधिक व्यापक होती है।
युवाओं ने मांग रखी कि गांव में आधुनिक पुस्तकालय, खेल के मैदान, और प्रेरक व्यक्तित्वों के साथ संवाद सत्रों की व्यवस्था हो, ताकि वे अपने भविष्य को स्पष्ट दृष्टि से देख सकें और ठोस दिशा में अग्रसर हो सकें।
आध्यात्मिक युवा नेतृत्व दल – छत्तीसगढ़ी समाज ने युवाओं को नशे, धूम्रपान, और अन्य विध्वंसात्मक व्यवहारों से दूर रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने संतुलित आहार, ध्यान (मेडिटेशन), और समय का विवेकपूर्ण उपयोग करने पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि स्वयं को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनाना आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। युवाओं को बताया गया कि वे ऑनलाइन मुफ्त प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं और ‘स्टडी सर्कल’ बनाकर आपसी अनुभवों और ज्ञान का आदान-प्रदान कर सकते हैं।
पार्षद मुकुंद पटेल ने युवाओं की चिंताओं को गहराई से समझते हुए भरोसा दिलाया कि वे इन मुद्दों को हल करने हेतु एक ठोस कार्ययोजना तैयार करेंगे। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि वे गांव में ऐसे वातावरण का निर्माण करेंगे जहां युवा आत्मनिर्भर बन सकें।
कार्यक्रम के समापन पर यह संदेश दिया गया कि विकास की शुरुआत आत्मविकास से होती है। जब युवा अपने चरित्र, सोच और कार्यशैली को सशक्त बनाएंगे, तभी गांव और समाज का दीर्घकालिक विकास संभव होगा। यह भी दोहराया गया कि बानबरद को गौ तीर्थ धाम के रूप में विकसित करने के लिए ऐसे जागरूक और प्रतिबद्ध युवाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो गांव की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को आगे बढ़ाएं।
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