अक्षय तृतीया के दिन ही होते हैं बांके बिहारी जी के चरण दर्शन,जानें मान्यता

अक्षय तृतीया के दिन ही होते हैं बांके बिहारी जी के चरण दर्शन,जानें मान्यता

वृंदावन में बांके बिहारी के दर्शन के लिए हर रोज भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। यहां भक्त कन्हैया के दर्शन के लिए व्याकुल रहते हैं। प्रतिदिन बांके बिहार के मंदिर में भक्तणग अपनी अधूरी इच्छा लेकर आते हैं। धार्मिक मान्यता कि बांके बिहार के दर्शन के बाद हर किसी की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। पूरे साल बांके बिहारी के मुख के दर्शन होते हैं लेकिन अक्षय तृतीया के दिन ठाकुर जी के चरण के दर्शन का सौभाग्य मिलता है। तो आज हम जानेंगे कि आखिर अक्षय तृतीया के दिन ही क्यों बांके बिहार के दर्शन होते हैं।

बांके बिहारी जी के चरण दर्शन से जुड़ी मान्यता

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, निधिवन में स्वामी हरिदास भगवान कृष्ण की भक्ति में डूबे रहते थे। तब उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर बांके बिहारी जी प्रकट हुए। तब स्वामी जी पूरे तन और मन से ठाकुर जी की सेवा करते थे।  प्रभु की सेवा करते समय उनको आर्थिक संकट का सामना करना पड़ गया था। एक बार सुबह में स्वामी जी उठे और उन्हें ठाकुर जी के चरणों में एक स्वर्ण मुद्रा प्राप्त हुई थी। फिर रोजाना स्वामी जी को ठाकुर जी के चरणों से स्वर्ण मुद्रा मिलने लगी और इसी मुद्रा से वे प्रभु की सेवा और भोग का इंतजाम किया करते थे।

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इसके बाद जब भी स्वामी हरिदास की धन की आवश्यकता होती है तब ठाकुर जी के चरणों से स्वर्ण मुद्रा प्राप्त हो जाती है। कहते हैं कि इसलिए हर रोज बांके बिहारी जी के चरण के दर्शन नहीं कराए जाते हैं। स्वामी बांके बिहारी के चरणों को पोशाक से ढके रहते थे। कहा जाता है कि इसके बाद से ही पूरे साल बांके बिहारी जी के चरण ढके रहने की परंपरा की शुरुआत हुई और साल में एक बार अक्षय तृतीया के दिन ही ठाकुर जी के चरण दर्शन होते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बांके बिहारी जी के चरण दर्शन करने से भक्तों को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। अक्षय तृतीया के दिन ठाकुर जी के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ वृंदावन में उमड़ती है।

अक्षय तृतीया 2025 

हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का त्यौहार मनाया जाता है। इस साल यह पावन तिथि 30 अप्रैल को पड़ रही है। अक्षय तृतीया सालभर की सबसे शुभ तिथियों में से एक माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदना बहुत ही शुभ और फलदायी माना जाता है। इस दिन सोना की खरीदने से उसमें सदैव वृद्धि होने के साथ ही व्यक्ति को धन-समृद्धि की भी प्राप्ति होती है।

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