22 अप्रैल 2025: हवा में पतंग उड़ती है,पतंगबाजी कहलाती है बातें हवा में उड़ती है तो बतोले बाजी कहलाती है, बाजी दोनों में है गर लगा बाजीगर बना जा सकता है,मनोदशा जिसकी जैसी हो अपनी बाजी वों उस दिशा की चुन अपनी दशा बिगाड़ता या सवांरता है,संक्रांति को पतंगबाजी का उत्सव होता है, पर बतोले बाजी का राजनीतिक उत्सव रोज हो रहा,बतोले बाज राजनीतिज्ञों की छटाई जनता हर चुनावों में कर रही पर अपने को बाजीगर समझने वाले कुछ नेता बातों की बाजीगरी से बाज नही आ रहे,उनकी साजों पे बतोले बाजी का पुराना राग ही बजता है,रागी उनके सुर मिला रहे, पर सुर संगम जनता के साथ नही हो रहा। हार -पे हार देश में ,शिकायतें उसकी विदेश में पर जो जीतें हो प्रदेश में वों क्या कर रहे ? दावे सुशासन के अब बाजीगरी लग रही जीत हार से राजनीतिज्ञों का पक्ष सत्ता विपक्षियों बदल गया, नही बदला तो छत्तीसगढ़ियों का भाग्य ,सरकार बदली ना बदला भ्रष्टाचार का इतिहास ,इतिहास में रोज नए पन्ने जुड़ रहे ,कई फन्ने खां भर्ष्टाचार की फन से इस सरकार को भी ढक रहे डसने की तैयारी कर रहे ,इतिहास अपने को दोहराता है सुना था अब देखने की तैयारी कर लीजिये, बातें ही नही परिस्थितियां भी वैसी ही बन रही सरकार बदल गई लेकिन व्यवस्थाएं नही बदल रही ,आपार बहुमत की सरकार घपले घोटालों वाली सरकार एक ही दिन में नही बन गई थी, ऐसी शनैः शनैः अपनी शैशव अवस्था में भ्रष्टाचार के वैभव की तरफ आकर्षित हो प्रेमालिंगन की।
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विभाग नही था कोई ऐसा जिसमे चारणों ने भ्रष्ट आचरण नही किया,आत्ममुग्धता में स्वेच्छाचारिता भी सरकार अ सरकार ,मुखिया सुखिया सारे छत्तीसगढ़िया दुखिया हो गए, अनुसरण वही हो रहा बात सत्ताधीशों को चुभेगी पर अभी सुई है ,सरकार अपनी बातों में खोयी है, पूर्ववर्ती सरकार में एक महिला अफसर का जलवा था ,जलवा ए जलाल इस सरकार में भी महिला अफसर बना रही, प्रीमयर पद्मिनी बन भ्रष्टाचार का प्रीमियम उगाह रही, खिले कमल पर कमल के नाल की नजर है, आपूर्ति पोषक तत्वों की नही भ्रष्टाचार की हो रही है, जम ऐसी गई हैं जलजला है उनका स्थानान्तरण के ठेके ले रहीं,दवाइयों की खरीदी में बेमानी ही नही बेहयाई हो रही । घोटालेबाजो को बचाने की कवायद पूरी ,पूरा विभाग आवक में लगा है, DMF घोटाले से जिन जिलाधीशो का भाग्य जरा सा न टला वों जमीन घोटाले कर रहे ,पटवारी एसडीएम निपट कर भी उपकृत हो रहे ,एसडीएम से आरटीओ बन रहे ,न्यायधानी राजधानी का हाल एक सा है । न्याय धनी नही हो रहा सरकार धनी हो रही, आबकारी विभाग पूरा जाँच के दायरे में है तब भी दारु बेच रहे थे अब भी वही कर रहे, वैध -अवैध सब चल रहा, रेत के अवैध उत्खनन रोज हो रहे,विकास प्रदेश का हो ना हो भ्रष्टाचार रोज विकसित हो रहा।
विश्व विद्यालय के कुलपतियों की जाँच तब शुरू हुई अब भी जारी है ,जाँच ऐसी की उसकी आंच सीमित है, रोटियां भी धीमी आंच में सेंकी जा रही,कच्चे इरादों से सच्चे परिणाम नही मिलते जाँच के दिखावे से न्याय नही होता, सुशासन के सिर्फ दावों से सुशासन कायम नही होता,तब दारू वाले मंत्री का जलवा था अब दवाई वाले उसी रास्ते पर हैं, रास्ता छवि बिगाड़ रही सरकार की, सरकार है की बिहारी की धुन पर श्याम खोज नाच रही ,महतारी वंदन की योजना सरकार पर भी लागु ,सरकार ने महतारी खोज लिया तंत्र ने वंदन की तैयारी कर ली है, क्रंदन के शुरवाती रुझान आने लगे भाजपा कार्यकर्ता फुसफुसाने लगे, फुंकार बनेगी फुसफुसाहट या सरकार फुंकारेगी,तब की सरकार ने विभाग दर विभागों में भाग भ्रष्टाचार के बटे, अब भी विभाग से विभागों की तैयारी, जनसंपर्क ,कृषि फसल नई भ्रष्टाचार की लहलहा रही ,भिंडी बीज की ऊचें दामों पर खरीदी हो रही ,व्यापक भ्रष्टाचार हो रहे, भ्रष्टाचार से घिरे अधिकारी आज भी अधिकारों से भरे हैं ,जाँच हो रही पर आंच से परे हैं, सट्टा का बट्टा लगा कितना सम्पत्तियों का विवरण बता रहा, वर्णन करोड़ो का गणना कौड़ियों की, जाँच के दायरे में शीर्षस्थ हैं ,ऐसे में क्या जाँच एजेंसियां जाँच का सिरा पकड़ न्याय दिला पायेंगी ? बारी -बारी से हो रही जमानत अभियोजन के योजन को बता रही ,दावें तो पुख्ता हैं सबूत पुख्ता नही जुटा पा रही ,सर्दी छोटी बीमारी होती है पर संक्रमित तेजी से करती है, सर्दी कोरोना का शुरुवाती लक्षण है और कोरोना महामारी, सर्दी कोरोना न बन जाये रोकिये, शिविर को रेमडे शिविर की जरूरत ना हो जाये ,आपूर्ति CGMSC करेगी तों खेल बड़ा होगा ,वर्तमान के साथ आकांक्षी का भी प्रभाव होगा,बांसुरी की धुन पे घोटाला है श्याम ने भ्रष्टाचार को अजय करने का फार्मूला निकाला है, रंग भ्रष्टाचार का चढ़ रहा धीरे -धीरे, असर भी होगा धीरे -धीरे ,सरकार भी बनेगी अ सरकार धीरे -धीरे, अभी तों महतारी वंदन चालू हुआ है,क्रंदन की बारी आएगी धीरे -धीरे --------------------------------------वंदन महतारी का छत्तीसगढ़ महतारी पर पड़ रहा भारी धीरे -धीरे
चोखेलाल
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मुखिया के मुखारी व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल की टिप्पणी
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