मुजफ्फरपुर : सकरा के जगदीशपुर बघनगरी में रामजानकी मठ की करोड़ों की जमीन की जमाबंदी जहीर खां समेत कई गैर हिंदुओं के नाम से कर दी गई है। बिहार राज्य धार्मिक पर्षद के इसे अवैध ठहराने और ग्रामीणों के विरोध के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय ने जांच का आदेश दिया है।मामले की जांच कराते हुए डीएम से इसकी रिपोर्ट मांगी गई है।
विदित हो कि मामले को लेकर करीब छह दर्जन ग्रामीणों ने बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद को शिकायती पत्र भेजा था। इसमें कहा गया था कि उक्त मठ की जमीन पर तीन भिन्न समुदाय के लोगों को जमीन दी गई है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है। मठ में पूजा करने आने वालों को असुविधा होने की भी बात कही गई थी।
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इसपर संज्ञान लेते हुए पर्षद के तत्कालीन अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन ने निर्देश जारी किया था। इसमें मठ की जमीन के जहीर खां व अन्य दो लोगों को दिए जाने महंत के सिद्धांत के विपरीत माना था। साथ ही दी गई जमीन को खाली कराने को कहा था। इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद मामला सरकार के स्तर पर पहुंचा।
सीओ ने की जांच, सामने आई रिपोर्ट
अपर समाहर्ता ने सकरा के सीओ से जांच कराई। सीओ की रिपोर्ट में कहा गया कि मठ की जमीन गैर हिंदुओं के नाम से जमाबंदी की गई है। कई ऐसे लोगों के नाम से जमीन की जमाबंदी कर दी गई है जो मठ के सेवइत भी नहीं हैं। इसमें एक ही परिवार के लोग हैं। उनका नाम अलग-अलग तरीके से दिखाकर भी जमीन की जमाबंदी की गई है।
इस मामले में मो. जहीर ने कहा कि उनका परिवार ही मठ की सेवा में रहा है, इसलिए उनके नाम से जमीन मिली है।
सीओ की रिपोर्ट पर नजर
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