सूर्य की महादशा :  कब करेंगे सूर्य देव राशि परिवर्तन? जानें कैसे करें भगवान भास्कर को प्रसन्न?

सूर्य की महादशा : कब करेंगे सूर्य देव राशि परिवर्तन? जानें कैसे करें भगवान भास्कर को प्रसन्न?

रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है। इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल पाने के लिए रविवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को विवाहित महिलाएं करती हैं। इस व्रत को करने से विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। वहीं, नवविवाहित महिलाएं पुत्र प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं।

धार्मिक मत है कि सूर्य देव की पूजा करने से करियर संबंधी परेशानी दूर हो जाती है। साथ ही समय के साथ पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। इसके अलावा, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से मुक्ति मिलती है। लेकिन क्या आपको पता है कि सूर्य की महादशा कितने साल तक चलती है और कैसे भगवान भास्कर को प्रसन्न करें? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

ये भी पढ़े :मुखिया के मुखारी – हम देश के साथ हैं,पर बोलियों में उनके साथ हैं 

सूर्य की महादशा
ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य की महादशा तकरीबरन 6 साल तक चलती है। इस दौरान सभी शुभ और अशुभ ग्रहों की अंतर्दशा और प्रत्ंयतर दशना चलती है। इनमें सबसे पहले सूर्य की अंतर्दशा चलती है। सूर्य की अंतर्दशा साढे तीन महीने तक रहती है। इसके बाद चंद्र की अंतर्दशा चलती है। वहीं, चंद्र के बाद मंगल और राहु की अंतर्दशा चलती है। सूर्य की महादशा में शुभ ग्रहों की अंतर्दशा में जातक को शुभ फल मिलता है। खासकर, करियर को नया आयाम मिलता है। वहीं, राहु या केतु की अंतर्दशा में जातक को शुभ काम करने से बचना चाहिए।

सूर्य देव को कैसे प्रसन्न करें?
सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए रविवार के दिन भक्ति भाव से भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा करें। इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनें। रविवार के दिन पीले रंग के कपड़े पहनने से सूर्य मजबूत होता है।

सूर्य देव की कृपा पाने के लिए रविवार के दिन गेहूं, गुड़, पीले रंग के कपड़े, चावल, आटा, चीनी, नमक आदि चीजों का दान करें।
रविवार के दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय दूध या गन्ने के रस से भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से भी सूर्य देव की कृपा साधक पर बरसती है।

सूर्य मंत्र
1. जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम ।
तमोsरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोsस्मि दिवाकरम ।।
2. ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च ।
हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन ।।
3. ऊँ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात ।।

ये भी पढ़े : बड़े पैमाने पर शिक्षा विभाग में कर्मचारियों का प्रमोशन,देखें लिस्ट…









You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments