बंजर जमीन को बनाया सोना! सब्जियों की खेती से कमाया लाखों का मुनाफा

बंजर जमीन को बनाया सोना! सब्जियों की खेती से कमाया लाखों का मुनाफा

ग्रामीण इलाकों में रोजगार के मौके कम होने की वजह से अक्सर युवा शहरों की ओर काम की तलाश में निकल जाते हैं. लेकिन उत्तराखंड के गैरसैंण ब्लॉक के मेहलचौरी पोस्ट क्षेत्र के सिलंगा गांव के हरेंद्र शाह ने शहर की बजाय में गांव में रहना चुनकर इस ट्रेंड को तोड़ा है. हरेंद्र के पिता मेहरबान सिंह चंडीगढ़ की एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे. वह उम्र के चलते रिटायर हो गए, घर की पूरी जिम्मेदारी अचानक हरेंद्र के कंधों पर आ गई, जिससे उनकी पढ़ाई बीच में ही छूट गई और उन्हें रोजगार की तलाश करनी पड़ी.

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हरेंद्र ने पास के बाजार में एक मोबाइल की दुकान में नौकरी की, जहां उन्हें महीने के सिर्फ 3,000 रुपये मिलते थे. यह आमदनी बहुत कम थी और उनके खर्च पूरे नहीं हो पाते थे. इसी दौरान उनके मन में एक नई सोच ने जन्म लिया कि क्यों न अपनी पुश्तैनी जमीन पर खेती से खुद का काम शुरू किया जाए? उन्होंने बाजार में सब्जियों की मांग, लागत और मुनाफे की पूरी जानकारी जुटाई. जानकारी से उन्हें हौसला मिला, लेकिन समस्या यह थी कि उनके पास पैसे नहीं थे.

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!दोस्तों की मदद से शुरू की खेती

हरेंद्र ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "सच में बहुत मुश्किलें आई, लेकिन मैंने अपने इरादों पर भरोसा रखा. कुछ दोस्तों की मदद से मैंने अपनी जमीन पर खेती शुरू करने की योजना बनाई." उनका कहना है कि एक सच्चा पहाड़ी किसान मुश्किलें झेल सकता है, लेकिन अपनी जमीन को छोड़ना उसे मंजूर नहीं. हरेंद्र ने अपने गांव सिलंगा में "खिल" नाम की जगह पर 10 नाली बंजर जमीन पर दो पॉलीहाउस लगाए और दिन-रात मेहनत कर उस जमीन को उपजाऊ बना दिया. इस काम में उनके माता-पिता ने उनका पूरा साथ दिया.









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