वकीलों और न्यायिक कर्मचारियों के लिए एक राहत भरी खबर,हाईकोर्ट ने बदला अपना फैसला

वकीलों और न्यायिक कर्मचारियों के लिए एक राहत भरी खबर,हाईकोर्ट ने बदला अपना फैसला

बिलासपुर :  छत्तीसगढ़ के वकीलों और न्यायिक कर्मचारियों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने अपने 9 मई 2025 के आदेश क्रमांक 176 (विशेष)/1-7-8/2025 को वापस लेते हुए यह साफ कर दिया है कि अब ग्रीष्मकालीन अवकाश (Summer Vacation) पूर्व निर्धारित कैलेंडर के अनुसार ही रहेगा।

इससे पहले हाईकोर्ट ने गर्मी की छुट्टियों को स्थगित करने का फैसला लिया था, जिससे वकीलों और कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति बन गई थी। लेकिन अब यह स्थिति पूरी तरह साफ हो चुकी है कि न्यायालयीन अवकाश (Court Holidays) अपने निर्धारित समय पर होंगे।

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बार एसोसिएशन और अधिवक्ताओं की अपील बनी वजह

इस फैसले को बदलने के पीछे हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (High Court Bar Association) और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय अधिवक्त संघ (Chhattisgarh High Court Advocates’ Association) की पहल रही। बार एसोसिएशन ने छुट्टियों को यथावत रखने की अपील की थी। साथ ही अधिवक्ताओं के संगठन ने इस विषय पर जनरल बॉडी मीटिंग (General Body Meeting) भी बुलाई थी।

इन अनुरोधों को गंभीरता से लेते हुए उच्च न्यायालय ने अपने पहले के आदेश पर पुनर्विचार (Reconsideration) किया और गरमी की छुट्टियों को वापस यथावत बहाल कर दिया।

न्यायिक क्षेत्र से जुड़े सभी पक्षों को राहत

इस निर्णय से अधिवक्ताओं (Advocates), न्यायिक कर्मचारियों (Judicial Staff) और न्याय से जुड़े अन्य सभी पक्षों को बड़ी राहत मिली है। अब न्यायालय की कार्यप्रणाली गर्मियों के तय अवकाश अनुसार ही चलेगी, जिससे सभी संबंधित पक्ष अपने व्यक्तिगत और पेशेवर कार्यों की पूर्व योजना बनाए रख सकेंगे।

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इस आदेश को एक सकारात्मक प्रशासनिक निर्णय (Positive Administrative Decision) के रूप में देखा जा रहा है, जो न्यायिक तंत्र के साथ जुड़े लोगों की मानसिक और कार्य कुशलता को ध्यान में रखकर लिया गया है।

 









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