सेठों का पैसा अफसरों की ठगी,नतीजा महाठगी

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रायगढ़ :  जिस गांव का राजस्व नक्शा नहीं है, वहां भी बड़ी चालाकी से जमीनें खरीदी जा रही हैं। नक्शाविहीन गांव नटवरपुर में मां मंगला इस्पात ने इथेनॉल प्लांट लगाने के लिए कमाल का कारनामा किया है। एनओसी के लिए फाइल कलेक्टर के पास पहुंची तो उन्होंने रोक दी। असर्वेक्षित गांव में पटवारी से सांठगांठ करके प्लांट लगा लिया गया। नटवरपुर ऐसा गांव है जो जमीन पर है, लेकिन इसके जमीन की पहचान नहीं है। यह असर्वेक्षित गांव है जिसका नक्शा ही नहीं है। लोगों के पास जमीनें हैं लेकिन खरीदी-बिक्री नहीं हो सकती। आदिवासी बाहुल्य गांव की जमीनों को बेहद कम कीमत में हासिल करने में कई कारोबारी सफल हो चुके हैं।  पूर्व में पीएसीएल ने इस गांव में जमीनें खरीदीं। इसके बाद महाजेंको से भी यह गांव जुड़ा।

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अब मां मंगला इस्पात के डायरेक्टरों नटवरपुर में इथेनॉल प्लांट लगा लिया है। इसके लिए वहां पटवारी से सांठगांठ कर बिक्री नकल जारी करवाया गया। फिर नक्शाविहीन गांव में जमीन खरीदी गई। सैकड़ों पेड़ों को काटा गया। जमीन का डायवर्सन भी करवा लिया गया। पर्यावरण विभाग से भी सम्मति मिल गई। लेकिन मामला आखिर में कलेक्टर के सामने फंस गया। असर्वेक्षित गांव में जमीन खरीदी और डायवर्सन को लेकर पूर्व कलेक्टर ने सवाल पूछे। बताया जा रहा है कि उन्होंने गड़बड़ी को देखकर एनओसी रोक दी। इथेनॉल प्लांट के लिए पेसो से अनुमति लेना अनिवार्य है। मां मंगला इस्पात का इथेनॉल प्लांट स्थापित करने का काम जारी है। 

जंगल में डाल रहे मलबा

इथेनॉल प्लांट लगाने के लिए करीब 30 एकड़ भूमि पर काम चल रहा है। अंदर कई पेड़ों को काट दिया गया। जो मलबा निकल रहा है, वह जंगल के अंदर ही डंप किया जा रहा है। जमीन पर 15 फुट ऊंची बाउंड्रीवॉल बनाई जा चुकी है। जमीन में की गई गड़बड़ी में कई राज खुलने वाले हैं। पेसो से अनुमति अब तक नहीं मिल सकी है। लेकिन काम तेजी से चल रहा है। पूर्व कलेक्टर ने गड़बड़ी पकड़ ली थी, इसलिए फाइल रुक गई।

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कौड़ियों के मोल खरीदते हैं जमीन

कोई भी उद्योग लगाने के लिए निजी जमीनें खरीदने के भी नियम हैं। गाइडलाइन रेट से कम दर पर जमीन नहीं खरीदी जा सकती। नटवरपुर असर्वेक्षित गांव है इसलिए यहां की जमीनें बेहद कम कीमत पर खरीद ली जाती हैं। मां मंगला इस्पात के संचालकों ने भी ऐसा ही किया। विक्रेताओं के खातों में ट्रांजेक्शन देखने पर इसका पता चलेगा। एसडीएम कार्यालय में असर्वेक्षित गांव की भूमि का डायवर्सन होना भी बड़ी गड़बड़ी को दर्शाता है।

 









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