चाहे सूखा हो या बाढ़ वाला इलाका, ये धान की 10 उन्नत किस्में देंगी किसान को बंपर पैदावार

चाहे सूखा हो या बाढ़ वाला इलाका, ये धान की 10 उन्नत किस्में देंगी किसान को बंपर पैदावार

इस लेख में धान की उन्नत किस्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी अलग-अलग खासियतें हैं, चाहे सूखा हो या बाढ़ वाला इलाका, ये धान सभी में अच्छा उत्पादन देंगी।देश के कई इलाकों में धान की खेती होती है, कुछ इलाकों में पानी की समस्या होती है, तो कुछ इलाकों में बाढ़ आ जाती है, ऐसे में धान की खेती के लिए अलग-अलग किस्मों का चुनाव करना चाहिए, इलाके के हिसाब से जो किस्म अच्छी हो उसे लगाना चाहिए, तभी किसान को अच्छा उत्पादन मिलेगा, तो आइए इस लेख में धान की 10 किस्मों के बारे में जानते हैं।

ये भी पढ़े :  मुखिया के मुखारी – सईंत्ता ला झन डोलाव रे जुटहा सरकार कहवाहू 

धान की किस्में

नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार धान की कुछ 10 उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी प्राप्त करें-

  1. जिन इलाको में बाढ़ की सम्भावना रहती है वह किसान भाई स्वर्णा-सब1 का भी चयन कर सकते है। इसे तैयार होने करीब 140-145 दिन लगते है। अगर कहत में 14 दिन तक पानी रहता तो भी यह फसल ख़राब नहीं होगी। लेकिन चावल मोटे और छोटे होते है। इससे किसानों को पांच टन तक उपज मिल सकती है।
  2. किसानों को अगर धान की ऐसी किस्म चाहिए जिसके दाने लम्बे और चावल की सुगंध अच्छी हो तो धान की पूसा आरएच 60 किस्म का चुनाव कर सकते है। यह बिहार, यूपी के लिए अच्छी किस्म है। जिससे खाने वाले का दिल खुश हो जाएगा।
  3. इसके आलावा जहाँ पानी की समस्या है तो धान की पूसा डीएसटी चावल 1 किस्म अच्छी है। यह किस्म लवणीय मिट्टी में भी अच्छा उत्पादन देगी। इसकी एक खासियत यह भी है की यह कठिन परिस्थितियों में 20% तक उत्पादन बढ़ाने में सक्षम है।
  4. किसान भाइयों के पास डीआरआर धान 100 (कमला) धान की किस्म भी एक अच्छा विकल्प है। यह जल्दी पक जाती है। जिससे खेती जल्दी खाली होगा। इसकी खासियत यह कि यह मीथेन उत्सर्जन को कम करेगी 19% ज्यादा पैदावार देगी। इसको विकसित करने का श्रेय हैदराबाद, भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान (ICAR-IIRR) को जाता है। जिससे किसानों को फायदा हो रहा है।
  5. वहीं जिन इलाको में बारिश समान रूप से नहीं होती है, अनियमित होती है तो सीआर धान 108 धान की किस्म का चुनाव करें। कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि यह किस्म बिहार के साथ-साथ ओडिशा के ऊपरी भाग के लिए अच्छी है। इसे तैयार होने करीब 112 दिन लगता है।
  6. किसानों को अगर पानी की बचत करने वाली फसल चाहिए तो पूसा बासमती 1509 धान की किस्म का चुनाव करें जो 33% तक पानी बचाएगी। तथा जल्दी पक भी जायेगी। सिर्फ 120 दिन में तैयार हो जायेगी।
  7. किसानो को महीन छोटे दाने वाली धान चाहिए तो सामुलाई-1444 धान की किस्म लगा सकते है। यह 140-145 दिन में तैयार होगी। इसकी खेती में फायदा यह भी है कि निर्यात के लिए अच्छी है और कीमत भी बढ़िया मिलती है। इसे बौनी धान की किस्म कहा जाता है।
  8. अगर किसनों को कालानमक धान पसंद थी तो यह पूसा नरेंद्र KN1 और CRD KN2 किस्म लगा सकते है। कहा जाता है कि धान की ये किस्म कालानमक चावल का उन्नत रूप जिससे इन्हे पसंद आएगी। एक्सपर्ट कहते है कि इससे पैदावार ज्यादा मिलती है तथा कीट-रोग प्रतिरोधी मानी जाती है। एक हेक्टेयर में इससे पांच टन तक उपज मिल सकती है।
  9. किसानों को उत्पादन अधिक चाहिए तो एराइज़ हाइब्रिड का चुनाव कर सकते है। कहा जाता है कि यह किस्म पारंपरिक किस्मों से 20-35% ज्यादा पैदावार देने की क्षमता रखती है। यह किस्म दक्षिण एशिया में बहुत पसंद की जाती है। इसे बयार कंपनी द्वारा बनाया गया है।
  10. पूसा-2090 किस्म यह भी अच्छी किस्म है। एक समय में तैयार होने के लिए जानी जाती है। बता दे कि यह 120-125 दिन में तैयार हो जाती है। एक एकड़ इसकी खेती करने पर 35 क्विंटल तक औसत उत्पादन मिल सकता है। इससे किसानों को कई फायदे है।









You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे

Comments

  • No Comments...

Leave Comments