उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के डेयरी सेक्टर को मजबूती देने और निजी निवेश को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से "उप्र दुग्धशाला विकास व दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2022" में अहम बदलाव किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में इस नीति में दूसरे संशोधन को मंजूरी दी गई. इसके तहत डेयरी क्षेत्र की इकाइयों को अब और अधिक अनुदान व सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. इस संशोधित नीति के अनुसार, अब डेयरी इकाई की स्थापना पर कुल लागत का 35% तक पूंजीगत अनुदान मिलेगा, जो अधिकतम 5 करोड़ रुपए तक हो सकता है.
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मिलेगी यूपी फूड प्रोसेसिंग नीति जैसी सुविधाएं
राज्य सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि डेयरी उद्योग को अब वही सुविधाएं दी जाएंगी जो उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 के तहत दी जाती हैं. इसका मुख्य उद्देश्य राज्य में डेयरी से जुड़ी विभिन्न इकाइयों में निवेश को आकर्षित करना और रोजगार के नये अवसर पैदा करना है.
अनुदान पाने वाली प्रमुख डेयरी इकाइयां
पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि संशोधित नीति के तहत कई प्रकार की डेयरी इकाइयों को अनुदान मिलेगा. इनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:
महिलाओं को सौर ऊर्जा पर 90% तक अनुदान
उत्तर प्रदेश की नई नीति में महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दी गई है. यदि कोई महिला उद्यमी 75 केवीएस तक की सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करती है, तो उसे 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा. सामान्य उद्यमियों को सौर परियोजनाओं के लिए 50% सब्सिडी मिलेगी.
पुराने प्रस्तावों को नहीं मिलेगा संशोधित नीति का लाभ
मंत्री धर्मपाल सिंह ने स्पष्ट किया कि यह संशोधन नीति में संशोधन की अधिसूचना तिथि के बाद लागू होगा यानी जिन परियोजनाओं के प्रस्ताव इस तारीख से पहले ऑनलाइन पोर्टल पर पूरा आवेदन करके प्राप्त हो चुके हैं, उन्हें पुरानी नीति के प्रावधानों के अनुसार ही अनुदान मिलेगा.
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डेयरी उद्योग में निवेश को मिलेगा बढ़ावा
मंत्री ने उम्मीद जताई कि इस संशोधन से उत्तर प्रदेश में डेयरी सेक्टर में निवेश में वृद्धि होगी और हजारों युवाओं को स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे. इससे न केवल ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि दुग्ध उत्पादन में भी इजाफा होगा.
उत्तर प्रदेश सरकार की बड़ी रणनीति
यह नीति बदलाव सरकार की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत प्रदेश को देश का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादन राज्य बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं. राज्य सरकार पहले ही दुग्ध समितियों के डिजिटलीकरण, पशु चिकित्सा सेवाओं में सुधार और डेयरी किसानों को प्रशिक्षण देने जैसे अनेक प्रयास कर चुकी है.



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