मुखिया के मुखारी – सुशासन के लिए समदर्शिता है जरुरी 

मुखिया के मुखारी – सुशासन के लिए समदर्शिता है जरुरी 

20 मई 2025: गरीब की लुगाई सबकी भौजाई इस लोकोक्ति का अनुसरण यदि सरकार ही करने लग जाये तो परिणाम भयावह ही प्राप्त होंगे । छ.ग . की सरकार सुशासन तिहार मना रही प्रशासन में कसावट लाने, मुखिया सहित मंत्री गरज रहें है, काम नही तो डंडा अनुशासन का चलेगा खुलेआम उदघोष कर रहे, गरीब कर्मचारी रोज निपट रहे, प्राचार्य परीक्षा परिणामों के लिए जवाबदेह होंगे, परीक्षाफल विद्यार्थियों का बिगड़ा तो उनका भविष्य भी बिगड़ जायेगा, गरीब प्राचार्य परीक्षाफल के लिए नापे जायेंगे, नहीं नपेंगे तो दाऊ दलाल गिरोह के वो अधिकारी जिन्होंने घोटालों की अनवरत कहानियाँ लिखीं, जिनके भ्रष्टाचार की पुस्तकों में रोज नए काले पन्ने जुड़ रहे, मुखिया के प्रवास वाले दिनों में भी उनके काले कारनामों के भेद नित नए खुल रहे ,सुदूर इलाकों में पदस्थ अधिकारियों ,कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने की कोशिशे सुशासन कायमी के प्रयास हैं, पर क्या जिन पर आरोप लगे हैं, जो मंत्रालयों में बैठे हैं, उनके लिए क्या कोई दंड विधान नहीं बना है ? मुखिया गाँवो के प्रवास पर हैं, जाँच एजेंसीयां रोज छापे पे छापे मार रही हैं,छापों के परिणाम कब आयेंगे ? 

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न्याय की मंथर गति कछुए से हजारों बार हारने के लिए तैयार खड़ी दिखती है, दाऊ दलाल गिरोह के अधिकारियों से प्रेरित हो अधिकारियों ने भी वही कार्ययोजना बना ली तो क्या होगा? ईमानदारी गिरवी रख दी जाय तो सुशासन की कायमी का क्या होगा ? नित नए खुलते घोटालों की कहानियां उन पर इस सरकार की मेहरबानियां क्या चोर -चोर मौसेरे भाई की लोकोक्ति को फिर चर्चित नही करेंगी ?  दाऊ दलाल गिरोह के नामजद कई आरोपी खुले में घूम रहे, कई अब जमानत पा बाहर आने की राह पर खड़े ,जाँच ही चल रही घोटालों के सरगना से सब वापिस हैं, वो बेखौफ बयान दे बयानबीर बने, देश प्रदेश घूम रहे, सरगना जेल कब जायेगा पता नही, पर गिरोह के सदस्य जेल से बाहर निकल रहे ,आबकारी अधिकारियों के खिलाफ जाँच की अनुमति आप अब दे रहे, जब जमानतों की झड़ी लग गई, अपराधियों को समय दे आप उन पर मेहरबानी कर रहे ,जितना बताया जा रहा उससे कई गुना ज्यादा रकम है शराब घोटाले की ,आप हैं की आजतक तार ही जोड़ रहे ,क्या पांच साला जाँच का आयोजन कर रहे? 

आरोप न्यायालय में ठहरेंगे कैसे जब आप आरोपियों को जेल में ठहरा नही पा रहे ? जितनी तीव्रता से सुशासन तिहार में कार्यवाहियां हो रहीं क्या वो घपले घोटालों के जाँच में नही हो सकती ? विभाग दर विभाग घपले घोटालों की कहानियां हैं ,दाऊ दलाल गिरोह की संलिप्तता, बयानों में आरोपियों के ,आरोपियों के नाम है फिर भी उन आरोपियों के आप क्यों कद्रदान हैं ? जो हाल दारु का वही दवा का है, CGMSC घोटाले के कई आरोपी जेल में हैं, जेल पहुँच के भी दवा के भरोसे हैं, उनकों उन्ही की आपूर्ति की गई दवायें क्यों नही खिलाते?  IAS क्या जवाबदेही से दूर रहेंगे?  प्राचार्य परीक्षाफल में निपट जायें ,ये 8 रूपये की चीज 3 हजार में भी खरीदकर ऐश करें, अरबों का घोटाला कर पद पर बने रहें । चंद्रमा का प्रिय (चंद्रकांत ) शासन का प्रिय क्यों हो गया ? सरकार कमल के निशान पर आई पर कमल के नाल (पद्मनी ) पर निर्भर क्यों हो गई?

स्थानांतरित किया औषधि निरक्षकों नियंत्रकों को उन्होंने चार्ज लिया ही नही, खेल प्रतिनियुक्ति का चालू हो गया, पूर्व विधायक के पुत्र को स्थानांतरित तो कोरिया किया था पर वो कैसे रायपुर में काबिज हो गया?  घोटाला पुरानी सरकार में हुआ नई सरकार में गोंटी इसी ने बैठाई, धुन बांसुरी की श्याम की इसने ऐसी सुनी सुनाई की भुगतान ही नही तमाम आरोपों के बाद भी रायपुर बैठ अब लाइसेंस बाटेंगा ।भ्रष्टाचार का पर्चा प्रिज्म, तुल्सायनमें रख पुरे राजधानी में फाड़ेंगा, सिंडिकेट के वर्मा, चंद्राकर ,पाण्डेय , शर्मा फिर जलवा बिखेरेंगे। नांदगांव ,दुर्ग ,रायपुर ,आरंग ,बिलासपुर से लेकर अहमदाबाद तक बेनामी संपत्ति बनायेंगे, दलाल इनके दवाई दुकानों में भी बैठे हैं, फैक्ट्री महासमुंद वाली भी खूब नोट छापेगी, बिना तनख्वाह बैंक से निकाले शाही जीवन जीने का आठवां अजूबा करने वालों को फिर मौका क्यों दे रहें ? क्या फिर घोटालों की नई ईबारत लिखनी है ? सुशासन की ये कैसी परिभाषा जिसमें चव्वनी की चोरी तो अपराध है, करोड़ो के घोटाले माफ़ हैं  ? दाऊ दलाल गिरोह के बाद छत्तीसगढ़ को कोई नया गिरोह नही देखना ,8 रूपये की चीज 3 हजार में खरीदें और उसकी जाँच सालों चले ऐसा सुशासन नही देखना,गरीब को फांसी घोटालेबाजों को माफ़ी ये नही है सुशासन के लिए काफी क्योकि ---------------------------सुशासन के लिए समदर्शिता है जरुरी 

चोखेलाल

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मुखिया के मुखारी व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल की टिप्पणी






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