कुछ सब्जियों की खेती मई-जून में भी की जाती है, लेकिन आज हम कम लागत वाली सब्जी की खेती के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिसमें अच्छा उत्पादन मिलेगा। जिसके लिए गर्मी में ही खेत की तैयारी शुरू कर दें, अभी से गहरी जुताई कर दें और मिट्टी में धूप लगने दें।
अगर आपके क्षेत्र में लू नहीं चल रही तो अभी बुवाई कर सकते है। नहीं तो लू बंद होने के बाद 15 जून तक इसकी बुवाई करें, लेकिन अगर गर्मी कम हो जाती है, तो आप मई के आखिरी हफ्ते या जून के पहले हफ्ते में इस सब्जी की खेती कर सकते हैं, आपको ₹30 से ₹50 का मंडी भाव मिलेगा, हम बरसाती भिंडी की अगेती खेती के बारे में बात कर रहे हैं, आइए आपको बताते हैं इसकी अच्छी किस्म, खेती की विधि, जिससे कोई नुकसान नहीं होगा।
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कैटरपिलर रोग से बचाव
बरसाती भिंडी की अगेती खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं लेकिन इस फसल में केवल सुंडी रोग लगता है जो अन्य फसलों की तुलना में कम होता है जिसके लिए आपको जुताई के समय फफूंदनाशक का प्रयोग करना चाहिए और गहरी जुताई करनी चाहिए, इससे भी रोग से बचा जा सकता है।
जुताई, बुवाई और खाद
भिंडी की खेती के लिए मिट्टी को उपजाऊ बनाएं। इसके लिए जुताई के समय दो-तीन ट्रॉली पुरानी गोबर की खाद डालें और बुवाई तब करनी चाहिए जब मिट्टी सूखी हो, जब मिट्टी में हल्की नमी हो। आप सरल विधि से बुवाई कर सकते हैं। बढ़िया जलनिकासी वाली जमीन का चयन करें जहाँ बरसात में पानी न रुके।
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अच्छी किस्म का चयन
अच्छा उत्पादन और अच्छा दाम पाने के लिए अच्छी किस्म का चयन करना चाहिए। आप अपने क्षेत्र की मांग के अनुसार भी किस्म का चयन कर सकते हैं। इसके अलावा एडवांटा की राधिका, वीएनआर की जानवी, सिंजेंटा की ओएच 102, नोमेंस की सिंघम और स्मार्ट किस्म भी अच्छी है।
किसान भाई कम लागत में भिंडी की खेती कर सकते हैं क्योंकि इसमें मल्चिंग आदि की जरूरत नहीं होती। बुवाई सरल विधि से की जा सकती है और बीमारियां कम लगती हैं जिससे दवाइयों का इस्तेमाल कम करना पड़ता है।



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