नई दिल्ली : जगह बदली, होमग्राउंड बदला, लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) की किस्मत नहीं बदली। अरुण जेटली स्टेडियम में खेले गए इंडियन प्रीमियर लीग के इस प्रतिष्ठा को बचाने वाले मुकाबले में राजस्थान रायल्स ने सीएसके को 6 विकेट से करारी शिकस्त दी। इस जीत के साथ ही राजस्थान ने अपने सभी लीग मुकाबले पूरे कर लिए हैं। मैच खत्म होने के बाद वैभव सूर्यवंशी ने धोनी के पर छुए और उनका आशीर्वाद लिया। जिसे देख स्टेडियम में फैंस धोनी धोनी नाम के जयकारे भी लगाने लगे।
चेन्नई ने पहले बल्लेबाजी करते हुए राजस्थान के सामने 188 रनों का लक्ष्य रखा था। जवाब में राजस्थान ने 17 गेंद शेष रहते हुए यह मुकाबला अपने नाम कर लिया। यह हार चेन्नई के लिए इसलिए भी अहम रही क्योंकि टीम इस सीजन में पहले ही लड़खड़ा चुकी है और अब उसका अंतिम मुकाबला 25 तारीख को गुजरात टाइटंस के खिलाफ होगा, जिसमें उसकी प्रतिष्ठा दांव पर होगी।
वैभव का दमदार प्रदर्शन
इस मुकाबले के हीरो रहे युवा बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी, जिन्होंने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए अपनी टीम को मजबूत शुरुआत दिलाई। उन्होंने यशस्वी जायसवाल के साथ मिलकर पहले संभलकर खेला और फिर चेन्नई के गेंदबाजों पर आक्रामक प्रहार किए। वैभव ने महज 27 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया और कुल 57 रन बनाकर जडेजा के हाथों कैच आउट हुए। उन्होंने इस सीजन में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर खुद को भविष्य का सितारा साबित किया है।
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सीएसके की साधारण गेंदबाजी
सीएसके की गेंदबाजी इस मुकाबले में बेहद कमजोर नजर आई। पावरप्ले में ही जायसवाल ने तेज 37 रन बनाकर गेंदबाजों की लय बिगाड़ दी। बाद में संजू सैमसन और वैभव सूर्यवंशी ने एक उपयोगी साझेदारी कर टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया।
चेन्नई की खराब बल्लेबाजी
राजस्थान के कप्तान संजू सैमसन ने टास जीतकर चेन्नई को पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाया। सीएसके की शुरुआत बेहद निराशाजनक रही। सलामी बल्लेबाज डेवोन कानवे एक बार फिर फ्लाप रहे और सिर्फ 10 रन बनाकर आउट हो गए। उसी ओवर में उर्विल पटेल भी बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए। राजस्थान के युवा तेज़ गेंदबाज़ युद्धवीर सिंह ने दूसरे ओवर में चेन्नई को दो बड़े झटके दिए, जिससे टीम शुरू से ही दबाव में आ गई। चेन्नई ने 187 रन तो बना लिया लेकिन इस बचा नहीं सके। साथ ही बीच के ओवर में सीएसके को धीमा खेलना भी भरी पड़ा। जिस वजह से टीम के लगभग 30 रन कम बने।
महात्रे-अश्विन की साझेदारी से राहत
तेज़ शुरुआत में झटके लगने के बाद युवा बल्लेबाज़ आयुष महात्रे और अनुभवी रविचंद्रन अश्विन ने पारी को संभालने की कोशिश की। दोनों के बीच अर्धशतकीय साझेदारी हुई, जिससे टीम को थोड़ी स्थिरता मिली। आयुष ने 43 रन की जिम्मेदार पारी खेली, जबकि अश्विन 13 रन बनाकर हसरंगा की गेंद पर आउट हुए।
पारी फिर लड़खड़ाई
अश्विन और महात्रे के आउट होने के बाद एक बार फिर चेन्नई की पारी पटरी से उतर गई। जडेजा भी एक रन बनाकर चलते बने और आठ ओवर के भीतर ही चेन्नई की आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी। बल्लेबाजी क्रम में निरंतर विफलता ने सीएसके को मजबूत स्कोर से वंचित रखा।
धोनी की रणनीति पर सवाल
सीएसके की इस हार के बाद एमएस धोनी की कप्तानी पर सवाल खड़े हो गए हैं। डेवोन कानवे को लगातार मौका देना और अनुभवहीन उर्विल को ऊपर भेजना अब आलोचना का विषय बनता जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि डिवाल्ड ब्रेविस को ऊपरी क्रम में भेजना टीम के लिए अधिक लाभकारी होता, क्योंकि वे शानदार फार्म में हैं। साथ ही गेंदबाजी में भी कुछ खास बदलाव देखने के लिए नहीं मिला। लगातार रन बरसते रहे वही धोनी की सारी राजनीति मुकाबले में फैल नजर आई।
राजस्थान की गेंदबाजी का जलवा
राजस्थान के गेंदबाजों ने इस मुकाबले में बेहतरीन प्रदर्शन किया। युद्धवीर सिंह, हसरंगा और तुषार देशपांडे ने मिलकर चेन्नई के बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया। धीमी पिच पर सधी हुई गेंदबाजी ने सीएसके को आठ ओवर में ही दबाव में ला दिया। सीएसके ने 187 रन बनाने के लिए अपने आठ विकेट गंवा दिए। युद्धवीर और आकाश माधवाल ने सर्वाधिक तीन तीन विकेट चटकाएं। वहीं तुषार और वाणिंदु ने एक एक विकेट लिया।
युवाओं ने बचाई चेन्नई की लाज
इस मुकाबले में जहां सीनियर खिलाड़ी फ्लॉप रहे, वहीं युवा खिलाड़ियों ने चेन्नई की इज्जत बचाई। आयुष महात्रे (43) और डिवाल्ड ब्रेविस (42) ने तेज़ बल्लेबाजी कर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। धोनी (16 रन), जडेजा (1 रन) और कॉनवे जैसे अनुभवी खिलाड़ी उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके। वहीं, शिवम दुबे ने 39 रन बनाए, लेकिन वह भी बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे।
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