अवैध पाकिस्तानी और बंग्लादेशी पाषर्दों को बना रहे मोहरा या बन रहे मोहरा ?

अवैध पाकिस्तानी और बंग्लादेशी पाषर्दों को बना रहे मोहरा या बन रहे मोहरा ?

रायपुर/भिलाई :  पूरे भारत में अवैध नागिरकों की घुसपैठ के साथ सूखे नशे की तस्करी और सप्लाई में हाथ होने का मामला अब पूरी तरह उजागर हो चुका है। दूसरे देश के लिए जासूसी करने भी ज्योति मलहोत्रा के जरिए हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने एक श्रीलंकाई नागिरक की घुसपैठ मामले में सुनवाई करते हुए स्पष्ट और साफ शब्दों में इन गतिविधियों की निंदा करते हुए कहा भी भारत कोई रैन बसेरा या धर्मशाला नहीं है कि यहां कोई भी आकर रहने लगे। एक समाचार पत्र ने कांग्रेस नेता अमित दास को लेकर बड़ा दावा किया गया है, रायपुर में बांग्लादेशियों को अवैध रूप से बसाने में उनका हाथ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के पूर्व पार्षद अमित दास पर यह आरोप है कि उन्होंने अपने लेटर हेड से घुसपैठियों को स्थानीय निवासी होने का प्रमाण पत्र दिया।

जिसके आधार पर राशन कार्ड, आधार कार्ड सहित अनेक दस्तवेज बांग्लादेशियों ने तैयार करवाया। इसका खुलासा जेल में बंद बांग्लादेशी तीन सगे भाई, मोहम्मद स्माइल, शेख अकबर और शेख साजन से एटीएस की पूछताछ में हुआ है.। रिपोर्ट के मुताबिक एटीएस ने पूर्व पार्षद अमित दास से भी इस मामले में पूछ्ताछ की है। रिपोर्ट में अमित दास का वर्जन भी है जिसके मुताबिक उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार भी बताया है।

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छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से घुसपैठ कर रह रहे बांग्लादेशियों और अवैध पाकिस्तानियों की खोजबीन और सर्चिंग बड़े स्तर पर जारी है। रायपुर , दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव, बिलासुपर , जगदलपुर, जांजगीर-चांपा, मुंगेली, कवर्धा, भाटापारा, तिल्दा में एनआईए और सीबीआई की धरपकड़ कार्रवाई जारी है. बीते कुछ दिनों में पुलिस ने कई गिरफ्तारियां की है. हाल ही में एक बांग्लादेशी महिला को भिलाई से भी गिरफ्तार किया गया था. वहीं पुलिस की जांच पड़ताल में यह बात सामने आई है। ये सभी अवैध नागरिक सूखे नशे के तस्करी में भी संलिप्त है। गांजा, अफीम, चरस की तस्करी के साथ शराब के धंधे में पूरी तरह पकड़ बनाए हुए है।

भारत के विभिन्न राज्यों में घुसपैठ कर रह रहे अवैध नागिरकों की सघन जांच के चलते हडक़ंप मचा हुआ है। देश में हालिया युद्ध के हालात के चलते अवैध नागिरकों को वापस भेजने के लिए केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निर्देशित किय़ा है कि अवैध नागिरकों की पहचान कर उन्हें वापस उनके देश भेजा जाए। इस आदेश के बाद पुलिस हरकत में आ गई है। लगातार विभिन्न जिलों में केंद्रीयबल के साथ स्थानीय पुलिस अवैध नागिरकों की पहचान को लिए दस्तावोजों की सघन जांच कर रही है। इस जांच से बचने के लिए अवैध नागिरक तरह -तरह उपक्रम कर रहे है।

राजनीतिक में वोट आधरित बड़ा रोल करने के लिए नेताओ्ं ने कई अवांछित लोगों को अपनी पार्टी से जोडऩे के लिए अपने पदों का दुरूपयोग करने की जानकारी पुलिस को मिल चुकी है। अब इसके आधार पर उनकी राजनीतिक पकड़ और पार्टी स्तर हस्तक्षेप की जानकारी इक्ठा करने जा रही है। पुलिस को मिले क्लू में साफ हो गया है कि अवैध नागरिकों को संरक्षण देने में राजनीतिक पार्टी के पार्षद स्तर के संलिप्त है। लगातर चुनाव में वोट बैंक बढ़ाने के लिए इन नेताओ्ं ने बिना किसी जांच पड़ताल के धड़ाधड़ अपने पद का दुरूपयोग करते रहे है। अब पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

पाकिस्तानी सटोरिय़ों पर पुलिस का पैनी नजर

खबरदारों की माने तो पुलिस चल रहे आईपीएल क्रिकेट सट्टा से लेकर नंबरों वाले सट्टा के खेल में छुटभैया नेताओ्ं की अहम भूमिका मानी जा रही है। पिछले चार -पांच सालों में सट्टा में बहुत कुछ परिवर्तन देखा गया है। सट्टा पहले की तरह कागज पेन में न होकर अब आनलाइन स्वरूप में चल रहा है जो दिखाई नहीं देता। साइबर क्राइम के सहयोग से सटोरियों के बैंक खाते से हो रहे ट्रांजेक्शन के साथ उनके जुड़े लोगों तक पुलिस पहुंचने के लिए पक्के सबूत औऱ दस्तावोज हासिल करने के लिए मुस्तैदी से जुटी हुई है।

बिल्डर चला रहे अवैध नागरिकों की अवैध कमाई

खबर है कि राजधानी सहित प्रदेश के बड़े नगरों में बिल्डर बनकर जो लोग बड़ी -बड़ी जमीन का सौदा कर बड़े बड़े टाउनशिप का प्रोजेक्ट लांच करने वाले बैंक से टाइअप कर अवैध नागरिकों की कमाई को अपने बिजनेस में लगाकर एक नंबर में सो करने की कोशिश कर रहे है। भारत में महाराष्ट्र, गुजरात, झारखंड,उडि़सा,मध्यप्रदेश सहित छत्तीसगढ़ में बिल्डर बेखौफ होकर अवैध नागरिकों का पैसा अपने कारोबार में लगा रखा है। जिसकी जांच शुरू हो हो चुकी है जिसमें बड़ा मामला उजागर हो सकता है।

सट्टा, सूखा नशा, होटल,एक्सपोर्ट और आनलाइन कारोबार में सीधा दखल

खबर के अनुसार इन अवैध नागिरकों ने अपना दो नंबर का पैसा सट्टा, होटल और एक्सपोर्ट इम्पोर्ट की बिजनेस में लगाकर प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने का खेल कर रहे है। अब तक जितने भी अवैध नागिरक पकड़ाए वो सभी इन्ही व्यवसाय में पैसा खपा रहे थे, शराब जैसे धंधे में इन अवैध नागिरकों का सीधा जुड़ाव है। शराब से संबंधित जितने भी दो नंबरी काम हो रहे सभी इनके संरक्षण में चल रहे है जिन्हें स्थानीय नेता प्रोटेक्शन मनी लेकर थाना से छुड़ाने का ठेका ले रखे हैं।

बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुसलमानों की तलाश के लिए राज्य के 33 जिलों में एसटीएफ का गठन

अवैध अप्रवासी, घुसपैठिए जैसे बांग्लादेशी, पाकिस्तानी, रोहिंग्याओं की तलाशी के लिए राज्य में पहली बार स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का गठन किया गया है। रायपुर में एएसपी ममता देवांगन को एसटीएफ का प्रभारी बनाया गया है। इसी तरह दुर्ग में डीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी, राजनांदगांव में राहुल देव शर्मा, कवर्धा में एएसपी पुष्पेंद्र सिंह बघेल, खैरागढ़ में एएसपी नीतेश गौतम, मोहला-मानपुर में डीएसपी नेहा पवार को प्रभारी बनाया गया है। अधिकांश जिलों में एएसपी और डीएसपी रैंक के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई। उनके साथ इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, एएसपी, हवलदार और सिपाही की टीम रहेगी। एडीजी गुप्तवार्ता अमित कुमार के अनुसार अवैध अप्रवासियों और घुसपैठियों की जांच व तलाश के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है। सभी जिलों में स्पेशल फोर्स ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है।

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टास्क फोर्स राज्य में अवैध दस्तावेज या बिना दस्तावेज के रहने वाले और बाहर से आने वालों की तलाश करेंगे। इनकी कार्रवाई की हर माह रिपोर्ट बनाई जाएगी, जो हर माह की 5 तारीख तक गृह विभाग को भेजनी होगी। एसटीएफ की पहली बैठक 5 जून को मंत्रालय में होगी। इसकी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश पर प्रदेश के सभी जिलों में एसटीएफ का गठन किया गया है। ये टीम जिला बल से ही बनाई गई है, जो रुटीन की पुलिसिंग के साथ-साथ टास्क फोर्स का काम करेगी। इसका सुपरविजन जिले में एसएसपी और राज्य में डीजीपी करेंगे। अभी जिला पुलिस के अधिकारी व कर्मचारियों से एसटीएफ का गठन किया गया है। आने वाले समय में इसका अलग सेटअप तैयार किया जाएगा। इसमें अलग से भर्ती की जाएगी। क्योंकि इनका काम जिला पुलिस से अलग है। झारखंड, बिहार समेत कई राज्यों में एसटीएफ की अलग विंग है। यह विशेष मामलों की जांच और कार्रवाई करती है।






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