भारत माला परियोजना घोटाला मामलें में CM साय ने लिया ये बड़ा फैसला

भारत माला परियोजना घोटाला मामलें में CM साय ने लिया ये बड़ा फैसला

 रायपुर  :  रायपुर की तरह दुर्ग में भी भारत माला परियोजना के तहत जमीन के अधिग्रहण और मुआवजे की गणना में गड़बड़ी की शिकायतों की जांच अब ईओडब्ल्यू करेगी। किसानों की शिकायतों और व्यापक गड़बड़ी की आशंका के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने यह फैसला किया है। जांच के फैसले के साथ मामला भी ईडब्ल्यू को सौंप दिया गया है।

मुख्यमंत्री विष्णदेव साय ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है। जिले में बढ़ते नशे के कारोबार और आपराधिक मामलों से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों में सरकार इंड-टू-इंड कार्रवाई पर फोकस कर रही है।मुख्यमंत्री साय जिला मुख्यालय में सुशासन तिहार के तहत जिला प्रशासन द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा के लिए पहुंचे थे। उन्होंने दुर्ग बेमेतरा व कवर्धा जिले के विभागों की सिलसिलेवार समीक्षा की।

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डीएपी की शार्टेज की संभावना, विकल्प पर फोकस करें किसान
मुख्यमंत्री ने सहकारी समितियों में डीएपी खाद की कमी को लेकर पूछे गए सवाल पर बताया कि इस बार डीएपी का संकट लगभग तय है। इसकी संभावना केवल प्रदेश में नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर हो सकती है। ऐसे में किसानों को विकल्प पर फोकस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एनपीके उपयोग से काफी हद तक इसकी भरपाई की जा सकती है। उन्होंने कहा तमाम परिस्थितियों के बाद भी किसानों को अड़चन नहीं होने दी जाएगी।

गड़बड़ी के 700 से ज्यादा शिकायतें

भारत माला प्रोजेक्ट की सड़क के लिए जिले में जमीन अधिग्रहण और मुआवजे की गणना को लेकर 700 से ज्यादा शिकायतें हैं। 

नशा, अपराध पर सरकार सख्त

जिले में नशे के बढ़ते कारोबार और आपराधिक घटनाओं में वृद्धि से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे का कारोबार केवल सरकार और पुलिस के भरोसे खत्म नहीं हो सकती, लोगों को भी जागरूकता दिखानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि अपराधियों के मामले में भी सरकार सख्त है। इसके लिए लगातार एफआईआर दर्ज की जा रही है और इंड-टू-इंड कार्रवाई पर फोकस कर रही है।

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काम को सराहा

इस दौरान उनके साथ उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, खाद्यमंत्री दयालदास बघेल, राज्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ललित चंद्राकर, विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा भी मौजूद थे। प्रशासनिक कामकाज की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री ने इसकी जानकारी भी रखी। उन्होंने बताया सुशासन तिहार के तहत आयोजित किए जा रहे समाधान शिविरों व ग्रामीण क्षेत्रों में आकस्मिक जाकर कामकाज को लेकर फीडबैक ले रहे हैं। इस दौरान उन्होंने दुर्ग जिला प्रशासन के कामकाज की सराहना भी की।







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