सोने को भारत में पारंपरिक रूप से न सिर्फ आभूषण के तौर पर, बल्कि एक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में भी देखा जाता है. बीते कुछ वर्षों में सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है, जिससे यह निवेशकों के लिए लाभदायक संपत्ति बन चुका है. खासकर बीते एक साल में सोने के दामों ने रिकॉर्ड तोड़ तेजी दिखाई है, जिससे यह आम लोगों की पहुंच से दूर होता नजर आ रहा है. हाल ही में सोने ने 99000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार का रिकॉर्ड बनाया था. यह तेजी भू-राजनीतिक तनाव, डॉलर में कमजोरी और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी जैसे कारणों से आई थी. लेकिन हाल के दिनों में इसकी कीमतों में थोड़ी नरमी देखने को मिली है. हालांकि यह गिरावट फिलहाल मामूली है और आम खरीदारों के लिए राहत नहीं बन पाई है.
आ सकती है सबसे बड़ी गिरावट:- लेकिन अब एक राहत भरी खबर उन लोगों के लिए आई है जो सोना खरीदना चाहते हैं या निवेश की योजना बना रहे हैं. एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि अगले दो महीनों में सोने की कीमतों में 12% से 15% तक की गिरावट देखने को मिल सकती है. अगर ऐसा होता है तो सोने का भाव 68,000 रुपये प्रति 10 ग्राम या उससे भी नीचे आ सकता है.
ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी – सुशासन के लिए समदर्शिता है जरुरी
क्या हैं गिरावट की वजहें:- इस संभावित गिरावट के पीछे कई वैश्विक कारण हैं. सबसे प्रमुख है अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती को लेकर बनी अनिश्चितता. अगर फेड दरों में कटौती नहीं करता है, तो डॉलर मजबूत रहेगा और इसका सीधा असर सोने की कीमतों पर पड़ेगा. इसके अलावा, अमेरिका में महंगाई दर और मजबूत आर्थिक आंकड़े भी सोने पर दबाव बना सकते हैं.
क्या करें निवेशक:- निवेश विशेषज्ञों की मानें तो यह गिरावट अल्पकालिक होगी और लॉन्ग टर्म निवेश के लिहाज से सोना अब भी एक मजबूत विकल्प बना हुआ है. जिन लोगों ने ऊंचे स्तर पर निवेश किया है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. वहीं जो लोग निवेश की सोच रहे हैं, उनके लिए गिरावट के बाद खरीदारी का यह एक अच्छा मौका हो सकता है. आने वाले समय में सोने की कीमतों में करेक्शन की पूरी संभावना है. ऐसे में निवेशकों को बाजार की दिशा को ध्यान में रखते हुए सोच-समझकर फैसले लेने की जरूरत है. गिरावट के बाद की खरीदारी, लॉन्ग टर्म के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है.
Comments