नई दिल्ली : शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से एक सीमित दायरे में कारोबार हो रहा है। निफ्टी 24800 के स्तर को तोड़ नहीं पा रहा है और नीचे 24500 पर सपोर्ट बना रहा है। पिछले करीब 10 ट्रेडिंग सेशन से मार्केट में यही सब चल रहा है। सवाल है कि अच्छा मानसून, महंगाई पर नियंत्रण, बेहतर जीडीपी और जीएसटी डाटा आने के बावजूद बाजार में कोई तेजी देखने को नहीं मिल रही है।
आखिर क्या वजह है कि बेहतर मैक्रो इकोनॉमिक डाटा के बावजूद भी मार्केट इन पॉजिटिव खबरों पर रिएक्ट क्यों नहीं कर रहा है। इस बारे में हमने मार्केट एक्सपर्ट से बात की और यह जानने की कोशिश कि आखिर वे कौन-से फैक्टर हैं जो बाजार पर दबाव बना रहे हैं, साथ ही आने वाले दिनों में कौन-से ऐसे ट्रिगर होंगे जो मार्केट के लिए अहम होंगे।
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क्यों नहीं आ रही बाजार में तेजी
बाजार में जारी उतार-चढ़ाव पर केजरीवाल रिसर्च फर्म के फाउंडर अरुण केजरीवाल ने कहा, "बाजार में पिछले कुछ दिनों से हायर लेवल पर विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी है इसलिए मार्केट ऊपरी स्तरों पर टिक नहीं पा रहा है।"
उन्होंने कहा कि मार्केट के लिए सबसे बड़ा ट्रिगर इंडिया-यूएस ट्रेड पॉलिसी है, जिस पर निवेशकों की पैनी नजर है। इस व्यापार नीति पर स्पष्टता आने के बाद मार्केट में कोई बड़ा मूव आ सकता है।
RBI पॉलिसी से क्या उम्मीदें
अरुण केजरीवाल ने कहा कि, आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी पर भी बाजार की नजर रहेगी। 6 जून, शुक्रवार को रिजर्व बैंक गवर्नर संजय मल्होत्रा मौद्रिक नीति का ऐलान करेंगे। उन्होंने कहा, "ऐसा माना जा रहा है कि आरबीआई, ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है। हालांकि, यह बाजार के लिए डिस्काउंटेड है, अगर सेंट्रल बैंक 50 बेसिस प्वाइंट का रेट कट कर देता है तो यह बाजार में एक नया जोश भर सकता है।"
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