परदेशिया सूदखोर बंधुओं पर अवैध वसूली का एक और केस

परदेशिया सूदखोर बंधुओं पर अवैध वसूली का एक और केस

रायपुर : सूदखोरी के नाम पर जबरदस्ती वसूली करने वाले परदेशिया वीरेंद्र और रोहित तोमर पर पुरानी बस्ती थाने में शुक्रवार को वसूली व संगठित अपराध का एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। ये रिपोर्ट परदेशिया रोहित तोमर के कारोबारी दोस्त करण सोनी ने दर्ज कराई है।सूद और अवैध वसूली में वे अपने करीबी लोगों को भी नहीं छोड़ते थे। करण के साथ भी उन्होंने ऐसा ही किया। करण ने रोहित से 2-2 लाख कर एक साल में 10 लाख रुपए उधार लिया। दोस्त ने पैसा वापस कर दिया। उसके बाद भी रोहित ब्याज जोड़ता रहा। 8 साल में उसने कारोबारी से 1 करोड़ 20 लाख रुपए वसूल लिए। इस दौरान कारोबारी की जमीन, मकान और दुकान तक बिक गए। उसके बाद भी वह ब्याज का 35 लाख रुपए बकाया बताकर धमकी दे रहा था। कारोबारी करण सोनी अपना घर-बार बेचकर नारायणपुर शिफ्ट हो गया है। वहां फेरी लगाकर कपड़ा बेच रहा है। उसने डरकर रायपुर आना ही छोड़ दिया है।

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पुलिस की कार्रवाई के बाद वह रायपुर आया और रिपोर्ट दर्ज कराई। कारोबारी करण सोनी भास्कर से बातचीत करते हुए भावुक हो गए। कारोबारी के अनुसार 2012 में रोहित तोमर से मेरी पहली मुलाकात हुई। कुछ दिनों में हम दोनों अच्छे दोस्त बन गए। सुबह से रात तक दोनों साथ रहते थे। रोहित ब्याज पर पैसा चलाता था। उसका व्यवहार देखकर कई बार डर भी लगता था।

2017 में मैंने कपड़ा दुकान खोलने की प्लानिंग की। मुझे पैसों की जरूरत थी। मैंने 2 लाख रुपए कपड़ा लेने के लिए रोहित से उधार लिया। उसने 10 प्रतिशत ब्याज पर पैसा दिया। 100 दिन के भीतर ब्याज समेत पैसा लौटा दिया। उसके बाद और पैसों की जरूरत हुई। एक साल के भीतर पांच किश्त में 10 लाख दिया। 2018 में पैसा चुका दिया। लेकिन रोहित ने लंबा चौड़ा हिसाब बना दिया। उसने 90 लाख रुपए का ब्याज बताया। मुझे उम्मीद नहीं थी कि दोस्तों से भी रोहित से तरह का व्यवहार करेगा। मेरी उससे बहस भी हुई, लेकिन वह पैसे के लिए अड़ा रहा। मैं धीरे-धीरे कर पैसा देता रहा। 2019 में कालीबाड़ी का मकान व जमीन बेचकर 90 लाख रुपए दिए। तब उसने 35 लाख का और ब्याज बता दिया। पैसे न देने पर वह मारने की धमकी देने लगा। उसने परिवार को बर्बाद करने की धमकी भी दी। मैं डिप्रेशन में आ गया। कई बार खुदकुशी का मन में विचार आया। 2023 में मैने दुकान बंद की और पूरा सामान बेचकर उसे 16 लाख रुपए दिए। 9 लाख रुपए और देना बचा। उसका उसने 35 लाख रुपए का और ब्याज निकाल दिया।

परदेशिया रोहित और वीरेंद्र जब भी किसी को पैसा देते, चाहे 50 हजार रुपए क्यों न हो। उसके बदले में ब्लैंक चेक लेते है। रोहित, वीरेंद्र, भावना और शुभ्रा तोमर के नाम पर चार ब्लैंक स्टाम्प लेते हैं। उसमे हस्ताक्षर करवाते व अंगूठा भी लगवाते हैं। चार ब्लैंक चेक और 24 ग्रीन पेपर लेते हैं। अंगूठा लगाकर और हस्ताक्षर करवाकर अपने पास करते है। फिर लोगों को दबाव बनाकर उनकी जमीन, मकान, दुकान और गाड़ी अपने नाम कर लेते हैं।

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पुलिस भगोड़े तोमर बंधुओं परदेशिया रोहित और वीरेंद्र उर्फ रुबी तोमर की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। पुलिस को शक है कि दोनों प्रदेश के बाहर भाग निकले हैं। उनकी बाहरी कनेक्शन का पता लगाया जा रहा है। खोजबीन के दौरान शुक्रवार की रात उनकी फार्चुनर कार भनपुरी के पास लावारिस हालत में मिली है। पुलिस अब इस इलाके के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज चेक कर रही है। ताकि फरार तोमर बंधुओं के बारे में क्लू जुटाया जा सके।








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