आज के समय में शहरों में जगह की कमी के कारण खेती करना मुश्किल हो गया है. लेकिन अब एक नई तकनीक ने इस समस्या का हल निकाल लिया है – इसका नाम ग्रो बैग है. यह तरीका उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है जो घर की छत, बालकनी या आंगन जैसे छोटे स्थानों में खेती करना चाहते हैं. ग्रो बैग एक मजबूत बैग होता है जिसमें मिट्टी और खाद भरकर पौधे उगाए जाते हैं. इसकी खास बात यह है कि इसमें आप सब्जियों के साथ-साथ एवोकाडो जैसे महंगे और सेहतमंद फल भी उगा सकते हैं. एवोकाडो की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है, जिससे यह खेती आमदनी का भी एक अच्छा साधन बन सकती है.अगर आप भी सीमित जगह में खेती करने का तरीका ढूंढ रहे हैं, तो ग्रो बैग तकनीक आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है. आइए जानते हैं इस तकनीक की पूरी जानकारी.
ग्रो बैग क्या है?
ग्रो बैग एक तरह का थैला होता है, जो खासतौर पर पौधे उगाने के लिए बनाया जाता है. ये बैग आमतौर पर मजबूत कपड़े, जूट या मोटे प्लास्टिक से तैयार किए जाते हैं. इनकी सबसे खास बात ये है कि ये पौधों की जड़ों को खुलकर सांस लेने का मौका देते हैं. ग्रो बैग में पानी आसानी से निकल जाता है और हवा का प्रवाह बना रहता है. साथ ही, नमी भी संतुलित रहती है, जिससे पौधे तेजी से और स्वस्थ तरीके से बढ़ते हैं. इन्हें घर की छत, बालकनी या छोटे गार्डन में इस्तेमाल किया जा सकता है.
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ग्रो बैग में खेती के फायदे
ग्रो बैग में एवोकाडो कैसे उगाएं?
एवोकाडो का पौधा धीरे-धीरे बड़ा होता है, इसलिए इसके लिए 30–50 लीटर का ग्रो बैग उपयुक्त रहेगा बैग मजबूत और ड्रेनेज होल्स से युक्त होना चाहिए.
अच्छी उपज के लिए मिट्टी में 40% बागवानी मिट्टी, 30% गोबर की खाद या कम्पोस्ट, और 30% रेत मिलाएं ताकि पानी का निकास सही बना रहे.
आप एवोकाडो के बीज से भी पौधा तैयार कर सकते हैं, लेकिन नर्सरी से तैयार ग्राफ्टेड पौधा लेना अधिक लाभकारी होता है क्योंकि इससे जल्दी फल लगते हैं.
एवोकाडो को प्रतिदिन 4–6 घंटे की धूप चाहिए. गर्मियों में हर रोज़ पानी दें और सर्दियों में आवश्यकता अनुसार ही पानी डालें.
नमी बनाए रखने के लिए गीली घास (mulch) का उपयोग करें और समय-समय पर जैविक कीटनाशकों से पौधे को सुरक्षित रखें.
ग्रो बैग में उगाए जाने वाले अन्य महंगे फल
कमाई का बेहतर अवसर
अगर आप ग्रो बैग में 5-10 एवोकाडो के पौधे लगाते हैं, तो सालभर में हज़ारों की आमदनी संभव है वहीं बाजारों में एवोकाडो 150 से 300 रुपये प्रति किलो तक बिकता है देखा जाएं तो ग्रो बैग खेती से किसानों को भी बड़ा फायदा हो सकता है.
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