धरती आब जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शिविर में अधिकारी-अमले अपनी उपस्थिति अनिवार्य दे : कलेक्टर

धरती आब जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शिविर में अधिकारी-अमले अपनी उपस्थिति अनिवार्य दे : कलेक्टर

कवर्धा टेकेश्वर दुबे : भारत सरकार द्वारा आदिवासी अंचलों के समग्र विकास हेतु प्रारंभ किए गए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का असर अब कबीरधाम जिले के 275 आदिवासी बहुल ग्रामों में दिखाई देने वाला है। आदिम जाति कल्याण विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, जनपद पंचायतों तथा अन्य विभागों के समन्वय से जिले में 15 जून से 30 जून 2025 तक जागरूकता एवं संतृप्ति शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों के माध्यम से शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को मौके पर ही उपलब्ध कराया जाएगा।

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कलेक्टर गोपाल वर्मा ने आज अधिकारियों की संयुक्त बैठक लेकर इस अभियान की प्रगति की समीक्षा की और सख्त निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल इस अभियान के अंतर्गत चिन्हांकित ग्राम पंचायतों में शिविरों का आयोजन पूरी संवेदनशीलता और सक्रिय भागीदारी से किया जाए। शिविर की तिथि से पूर्व ग्राम में मुनादी कराई जाए और विभागीय अधिकारी, विकासखंड स्तरीय अमला तथा ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें। कलेक्टर ने दो टूक शब्दों में कहा कि शिविरों में लापरवाही या अनुपस्थिति पाए जाने पर संबंधित विभागों की जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

जिला अंतर्गत बोड़ला विकासखंड के 226, पंडरिया के 41, सहसपुर लोहारा के 07 और कवर्धा विकासखंड के 01 ग्राम इस अभियान में शामिल हैं। इन शिविरों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को आधार कार्ड, राशन कार्ड, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, जनधन खाता, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, सुरक्षा बीमा योजना, पेंशन योजनाएं जैसे लाभ मौके पर ही प्रदान किए जा रहे हैं। मनरेगा, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, मुद्रा ऋण, कौशल विकास प्रशिक्षण, तथा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत पंजीयन की सुविधाएं भी शिविरों में उपलब्ध कराई जा रही हैं। पंजीयन, दस्तावेजीकरण और सत्यापन की कार्यवाही संबंधित विभागों की उपस्थिति में की जा रही है।

सहायक आयुक्त आदिवासी विकास ने बताया कि अभियान में 17 मंत्रालयों की 25 योजनाएं सम्मिलित हैं, जिन्हें समन्वित रूप से लागू किया जा रहा है। सभी विभागों को आपसी सहयोग और समन्वय के साथ कार्य करते हुए हितग्राहियों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। यह अभियान केवल तात्कालिक लाभ तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके अंतर्गत आगामी पाँच वर्षों की दीर्घकालिक योजना के तहत इन ग्रामों को संपूर्ण रूप से संतृप्त किया जाना है। इसके अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना, सड़क निर्माण, बिजली आपूर्ति, शुद्ध पेयजल, मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयाँ, आवासीय विद्यालय एवं छात्रावास उन्नयन, कौशल विकास केंद्रों की स्थापना एवं स्थानीय युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण जैसी पहलें शामिल हैं। धरती आबा अभियान के माध्यम से शासन की मंशा है कि आदिवासी ग्राम केवल सुविधायुक्त ही नहीं, बल्कि सशक्त, आत्मनिर्भर और अवसरों से परिपूर्ण बनें कृ जहां हर परिवार विकास की मुख्यधारा से जुड़ सके।

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