रायपुर नगर निगम ने तोमर बंधुओं को जारी किया दूसरा नोटिस

रायपुर नगर निगम ने तोमर बंधुओं को जारी किया दूसरा नोटिस

रायपुर :  राजधानी रायपुर के चर्चित तोमर बंधुओं की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। रायपुर नगर निगम ने एक बार फिर हिस्ट्रीशीटर रोहित तोमर और वीरेंद्र तोमर को नोटिस जारी किया है। इस बार यह नोटिस उनके भाठागांव स्थित मकान के भूतल (ग्राउंड फ्लोर) और भवन निर्माण से जुड़े दस्तावेजों को लेकर भेजा गया है। निगम ने दोनों को चार दिनों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है। नगर निगम ने इससे पहले भी एक नोटिस जारी कर संबंधित दस्तावेजों को प्रस्तुत करने को कहा था, लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिला। इस लापरवाही के बाद निगम ने दूसरी बार नोटिस जारी कर स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित समय में जवाब नहीं मिला, तो आगे की कार्रवाई की जिम्मेदारी भवन स्वामी की होगी।

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गौरतलब है कि 3 जून को रायपुर पुलिस ने भाठागांव स्थित तोमर बंधुओं के आवास पर बड़ी छापेमारी की थी। लगभग 12 घंटे तक चली इस कार्रवाई में पुलिस ने 35.10 लाख रुपये नकद, 734 ग्राम सोने के आभूषण, 125 ग्राम चांदी के जेवर, एक बीएमडब्ल्यू कार, थार और ब्रेजा गाड़ी जब्त की थी। इसके अलावा 120 से अधिक इकरारनामे, 70 से ज्यादा ब्लैंक चेक और 17 संपत्ति रजिस्ट्रियों के दस्तावेज भी बरामद हुए थे। छापेमारी के बाद से ही रोहित तोमर और वीरेंद्र तोमर फरार चल रहे हैं। पुलिस की टीमें लगातार उनकी तलाश में जुटी हुई हैं। वहीं, नगर निगम की ओर से की गई यह कार्रवाई प्रशासन की ओर से उन पर जारी सख्ती का एक और संकेत माना जा रहा है। राजधानी रायपुर के बहुचर्चित और हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं, रोहित तोमर और वीरेंद्र तोमर, की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। रायपुर नगर निगम ने एक बार फिर इन दोनों को नोटिस जारी किया है, जिससे उनके खिलाफ प्रशासनिक शिकंजा और कस गया है। यह नया नोटिस उनके भाठागांव स्थित मकान के भूतल (ग्राउंड फ्लोर) के उपयोग और भवन निर्माण से संबंधित दस्तावेजों को लेकर भेजा गया है। निगम ने दोनों को इस नोटिस का जवाब देने के लिए मात्र चार दिनों का समय दिया है, जिसकी अवधि बीतने के बाद कठोर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

पूर्व नोटिस का नहीं मिला जवाब, निगम सख्त

यह पहला अवसर नहीं है जब नगर निगम ने तोमर बंधुओं को नोटिस जारी किया हो। इससे पहले भी निगम ने एक नोटिस जारी कर उनसे संबंधित दस्तावेजों को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। हालांकि, उस नोटिस की समय सीमा समाप्त होने के बावजूद तोमर बंधुओं की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया था, जिसे निगम ने घोर लापरवाही माना है। इसी लापरवाही के चलते अब दूसरी बार यह नोटिस जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि यदि निर्धारित समय के भीतर जवाब नहीं मिलता है, तो भविष्य में होने वाली किसी भी कार्रवाई की पूरी जिम्मेदारी भवन स्वामी यानी तोमर बंधुओं की होगी। यह कार्रवाई नगर निगम की सख्त रुख का प्रतीक है, जो अवैध निर्माण और संपत्ति संबंधी अनियमितताओं पर अंकुश लगाने की दिशा में काम कर रहा है।

पुलिस छापेमारी के बाद से फरार हैं तोमर बंधु

नगर निगम की यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब रायपुर पुलिस तोमर बंधुओं की तलाश में लगातार जुटी हुई है। गौरतलब है कि 3 जून को रायपुर पुलिस ने भाठागांव स्थित तोमर बंधुओं के आवास पर एक बड़ी छापेमारी की थी। लगभग 12 घंटे तक चली इस व्यापक कार्रवाई ने प्रदेश भर में हलचल मचा दी थी। इस छापेमारी के दौरान पुलिस को तोमर बंधुओं के घर से करोड़ों रुपये की बेहिसाब संपत्ति मिली थी, जिसने उनके अवैध गतिविधियों के जाल का पर्दाफाश किया। छापेमारी में पुलिस ने 35.10 लाख रुपये नकद बरामद किए थे, जो उनकी संदिग्ध वित्तीय लेनदेन की ओर इशारा करता है। इसके अतिरिक्त, 734 ग्राम सोने के आभूषण और 125 ग्राम चांदी के जेवर भी जब्त किए गए, जिनकी कीमत लाखों में आंकी जा रही है। महंगी गाड़ियां भी पुलिस की गिरफ्त में आईं, जिनमें एक बीएमडब्ल्यू कार, एक थार और एक ब्रेजा शामिल हैं। इन गाड़ियों का उपयोग भी संदिग्ध गतिविधियों में होने की आशंका जताई जा रही है।

नकद और जेवरात के अलावा, पुलिस को 120 से अधिक इकरारनामे, 70 से ज्यादा ब्लैंक चेक और 17 संपत्ति रजिस्ट्रियों के दस्तावेज भी बरामद हुए थे। ये दस्तावेज तोमर बंधुओं द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर जमीन और संपत्ति के अवैध सौदों की ओर संकेत करते हैं। ये सभी बरामदगी तोमर बंधुओं के आपराधिक नेटवर्क और उनकी अवैध संपत्ति जुटाने की क्षमता को उजागर करती हैं। छापेमारी के बाद से ही रोहित तोमर और वीरेंद्र तोमर पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं और फरार चल रहे हैं। पुलिस की कई टीमें लगातार उनकी तलाश में जुटी हुई हैं और उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद ही इस पूरे मामले से जुड़े और भी कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।

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प्रशासनिक सख्ती का एक और संकेत

रायपुर नगर निगम द्वारा तोमर बंधुओं को जारी किया गया यह दूसरा नोटिस, प्रशासन की ओर से उन पर जारी सख्ती का एक और महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है। पुलिस छापेमारी के बाद से ही प्रशासन विभिन्न स्तरों पर तोमर बंधुओं पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। यह कार्रवाई स्पष्ट संदेश देती है कि प्रशासन अवैध गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है और कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि नगर निगम के इस नोटिस पर तोमर बंधु क्या प्रतिक्रिया देते हैं, खासकर तब जब वे पुलिस से भी फरार चल रहे हैं। यदि वे समय पर जवाब नहीं देते हैं, तो नगर निगम आगे क्या कदम उठाता है, यह भी देखने वाली बात होगी। इस पूरे मामले पर न केवल रायपुर बल्कि पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह केस छत्तीसगढ़ में अपराध और अवैध गतिविधियों के खिलाफ प्रशासनिक लड़ाई का एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन गया है।








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