शिक्षक युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को लेकर विवाद:डीईओ और बीईओ के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका

शिक्षक युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को लेकर विवाद:डीईओ और बीईओ के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका

रायपुर  : छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में शिक्षक युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। चंद्रभान वर्मा (शासकीय हाईस्कूल, लाभांडी), अपर्णा त्रिपाठी (हायर सेकेंडरी स्कूल, मोहदी) और गायत्री वर्मा (हाई स्कूल, उरकुरा) ने जिला शिक्षा अधिकारी (D.E.O.) और विकासखंड शिक्षा अधिकारी (B.E.O.) पर पक्षपातपूर्ण तरीके से अतिशेष शिक्षकों की सूची तैयार करने और अपने करीबी लोगों को लाभ पहुंचाने का गंभीर आरोप लगाया है। तीनों शिक्षकों ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल कर स्थानांतरण आदेश को चुनौती दी है और संपूर्ण युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की है।

याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता का पक्ष

याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता संदीप दुबे ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि:

युक्तियुक्तकरण के लिए सरकार द्वारा 02 अगस्त 2024 को जारी निर्देशों के खंड 7(सी)(3) का उल्लंघन किया गया है।

याचिकाकर्ता शिक्षक अपने-अपने स्कूलों में वरिष्ठ शिक्षक हैं, फिर भी उन्हें जानबूझकर अतिशेष घोषित किया गया, जबकि उनसे जूनियर शिक्षकों को संरक्षित रखा गया।

डीईओ द्वारा जारी सूची में मापदंडों और नियमों की अनदेखी की गई है और शिक्षकों को बिना सुनवाई का अवसर दिए सीधे स्थानांतरित कर दिया गया।

अगर कोर्ट द्वारा अंतरिम राहत नहीं दी गई तो याचिकाकर्ताओं को अपूरणीय क्षति होगी।

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राज्य शासन की ओर से जवाब

राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारियों ने कोर्ट में बताया कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया राज्य शासन के निर्देशों के अनुरूप हुई है। याचिकाकर्ता यदि असंतुष्ट हैं, तो वे संभागीय युक्तियुक्तकरण समिति के समक्ष नया अभ्यावेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। समिति उनके मामले पर नियमों के अनुसार समयबद्ध निर्णय लेगी।

कोर्ट का आदेश: 25 जून तक पेश करें अभ्यावेदन

न्यायमूर्ति रविंद्र अग्रवाल की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता शिक्षकों को पाँच दिनों के भीतर अपने अभ्यावेदन के साथ संभागीय संयुक्त संचालक (जेडी), शिक्षा विभाग के समक्ष प्रस्तुत होने का निर्देश दिया है।

25 जून को युक्तियुक्तकरण समिति के समक्ष शिक्षकों को उपस्थित होकर अपनी बात रखनी होगी। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि समिति याचिका और तथ्यों के आधार पर सात दिनों के भीतर फैसला सुनाए।

याचिका में शामिल प्रमुख पक्षकार

छत्तीसगढ़ राज्य शासन, स्कूल शिक्षा विभाग

लोक शिक्षण संचालनालय के निदेशक

संभागीय संयुक्त संचालक, रायपुर

जिला शिक्षा अधिकारी, रायपुर

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विकासखंड शिक्षा अधिकारी, धरसींवा

यह मामला छत्तीसगढ़ में शिक्षक युक्तियुक्तकरण की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाया। अब कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बाद उम्मीद की जा रही है कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी और न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों को उचित अवसर मिलेगा।









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