कनाडा ने अमेरिकी टेक कंपनियों पर लगाए गए डिजिटल सर्विस टैक्स (DST) को वापस लेने का फैसला किया है. ऐसा अमेरिका के साथ व्यापार समझौते की राह आसान करने के लिए किया गया है. यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा के साथ व्यापार वार्ता को अचानक समाप्त करने और इस टैक्स को अमेरिका पर सीधा हमला करार देने के दो दिन बाद आया है. कनाडा के वित्त मंत्री फ्रांस्वा-फिलिप शैंपेन ने रविवार को घोषणा की कि DST को हटाने से दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता को फिर से शुरू करने और 21 जुलाई तक एक व्यापक समझौते तक पहुंचने में मदद मिलेगी.
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कनाडा ने 2020 में डिजिटल सर्विस टैक्स की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य उन बड़ी टेक कंपनियों पर 3 फीसदी कर लगाना था, जो कनाडाई उपयोगकर्ताओं से राजस्व अर्जित करती हैं जैसे अमेजन, गूगल, मेटा, उबर और एयरबीएनबी. यह टैक्स 30 जून 2025 से लागू होने वाला था. हालांकि ट्रंप ने इसे अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ प्रत्यक्ष हमला बताते हुए शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर कनाडा के साथ सभी व्यापार वार्ताओं को तत्काल समाप्त करने की घोषणा की थी. उन्होंने कनाडा को व्यापार के लिए मुश्किल देश करार दिया और सात दिनों के भीतर नए टैरिफ की धमकी दी. ट्रंप ने यह भी कहा कि यह टैक्स अमेरिकी टेक कंपनियों को अरबों डॉलर का नुकसान पहुंचाएगा.
ट्रंप के कड़े रुख और व्यापार वार्ता रद्द होने के बाद कनाडा सरकार ने दबाव में आकर डिजिटल सर्विस टैक्स को रद्द करने का फैसला लिया. वित्त मंत्री शैंपेन ने सोशल मीडिया पर कहा कि DST को हटाने से व्यापार वार्ताओं में महत्वपूर्ण प्रगति होगी और यह दोनों देशों के लिए रोजगार सृजन और समृद्धि को बढ़ावा देगा. कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भी पुष्टि की कि इस कदम के बाद अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता फिर से शुरू हो गई है. कनाडा की यह नीति शुरू में बहुपक्षीय डिजिटल कर व्यवस्था की दिशा में थी, लेकिन ट्रंप के दबाव ने इसे बदलने के लिए मजबूर कर दिया.
यह विवाद अमेरिका और कनाडा के बीच पहले से ही तनावपूर्ण व्यापार संबंधों को और उजागर करता है. ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में कनाडा के साथ डेयरी उत्पादों पर उच्च टैरिफ और अन्य व्यापारिक मुद्दों को लेकर भी आलोचना की थी. कनाडा के इस फैसले से जहां व्यापार वार्ता को फिर से शुरू किया जा सकेगा वहीं कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह कनाडा की स्वायत्त नीति पर सवाल उठाता है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि DST लागू करने से कनाडाई उत्पादों पर अमेरिकी टैरिफ बढ़ सकते हैं, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध की स्थिति बन सकती थी.
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