हमारे शरीर के लिए Vitamin-D उतना ही जरूरी है जितना ईंधन किसी गाड़ी के लिए। जी हां, यह न केवल हड्डियों को मजबूत बनाता है, बल्कि इम्युनिटी बढ़ाने, मांसपेशियों की ताकत बनाए रखने और मेंटल हेल्थ को बेहतर रखने में भी बड़ा रोल प्ले करता है।
आइए, सर गंगा राम अस्पताल, दिल्ली की प्रिंसिपल डायटिशियन डॉ. वंदना वर्मा से जानते हैं कुछ 5 ऐसे सुपरफूड्स (Vitamin-D Rich Superfoods) के बारे में, जो बिना सप्लीमेंट्स भी विटामिन-डी की कमी (Vitamin-D Deficiency) दूर कर सकते हैं।
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फैटी फिश (सैल्मन, मैकेरल, सार्डिन)
सैल्मन, सार्डिन और मैकेरल जैसी मछलियां, विटामिन D3 का सबसे बेस्ट और नेचुरल सोर्स मानी जाती हैं। साथ ही, इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड भी प्रचुर मात्रा में होता है, जो न केवल विटामिन D के अवशोषण में मदद करता है बल्कि हार्ट और मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है। बता दें, अगर आप नॉन-वेजिटेरियन हैं, तो हफ्ते में 2 बार इन मछलियों को डाइट में शामिल करना आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है।
अंडे की जर्दी
अंडे की जर्दी यानी पीला हिस्सा विटामिन-D लेवल बूस्ट करता है, हालांकि इसकी मात्रा कम होती है। फिर भी यह एक सस्ता, आसान और घर में आसानी से उपलब्ध ऑप्शन है। ध्यान रखें कि केवल सफेद भाग खाने से विटामिन D नहीं मिलेगा, इसलिए कभी-कभार पूरे अंडे खाना फायदेमंद हो सकता है- बशर्ते आप बैलेंस बनाए रखें।
मशरूम
मशरूम इकलौता ऐसा वेजिटेरियन सोर्स है जो विटामिन D देता है, लेकिन इसमें इसका D2 फॉर्म पाया जाता है, जो D3 से थोड़ा कम असरदार माना जाता है।
हालांकि, बाजार में मिलने वाले सामान्य मशरूम में विटामिन D की मात्रा बहुत कम हो सकती है। इसलिए 'UV एक्सपोज्ड' यानी सूरज की रोशनी या अल्ट्रावायलेट रोशनी में उगाए गए मशरूम खरीदना ज्यादा फायदेमंद होगा।
फोर्टीफाइड डेयरी और प्लांट-बेस्ड मिल्क
कई देशों में दूध और इससे बनी चीजों को विशेष रूप से विटामिन D से भरपूर बनाया जाता है, जिसे फोर्टीफिकेशन कहते हैं। इसमें गाय का दूध, मक्खन, मार्जरीन और यहां तक कि ब्रेकफास्ट सीरियल्स तक शामिल होते हैं।अगर आप डेयरी नहीं लेते, तो सोया, बादाम या ओट मिल्क जैसे प्लांट-बेस्ड ऑप्शन्स भी देख सकते हैं, जो अक्सर विटामिन D से फोर्टीफाई किए जाते हैं।
कॉड लिवर ऑयल
इसमें विटामिन D के साथ-साथ विटामिन A और ओमेगा-3 भी भरपूर होता है। हालांकि, इसका सेवन सावधानी से करना चाहिए, क्योंकि विटामिन A की ज्यादा मात्रा नुकसानदायक हो सकती है। अगर डॉक्टर की सलाह से लिया जाए, तो यह डिफिशिएंसी दूर करने में बहुत असरदार हो सकता है।
ध्यान में रखें ये जरूरी बातें
विटामिन D के दो टाइप होते हैं- D2 (एर्गोकैल्सिफेरॉल) और D3 (कोलेकैल्सिफेरॉल)। दोनों शरीर में सीधे यूज नहीं होते, इन्हें एक्टिव रूप (कैल्सिट्रिओल) में बदलने के लिए लिवर और किडनी की मदद चाहिए होती है। इसलिए अगर किसी की किडनी या लिवर से जुड़ी समस्याएं हैं, तो सिर्फ खानपान काफी नहीं होता है। हालांकि, ये सुपरफूड्स आपके विटामिन D लेवल को सुधारने में मदद कर सकते हैं, पर सूरज की रोशनी सबसे असरदार तरीका है।
कई एक्सपर्ट मानते हैं कि सिर्फ डाइट से रोजाना की जरूरतें पूरी करना मुश्किल होता है। यही वजह है कि डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स की जरूरत भी पड़ सकती है, खासकर उन लोगों को जिनमें इसकी कमी पाई गई हो।
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