नई दिल्ली : अभिनेत्री शेफाली जरीवाला की मौत के बाद से ही लगातार इसे लेकर चर्चा जारी है। जानकारी के मुताबिक एक्ट्रेस की मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई। साथ ही पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि एक्ट्रेस लंबे समय से एंटी-एजिंग का ट्रीटमेंट ले रही हैं, जिसके लिए वह इन्जेक्शन और ड्रिप ले रही थीं।
बीते कुछ समय से लोगों के बीच जवां दिखने का क्रेज काफी ज्यादा बढ़ चुका है। हमेशा खूबसूरत और जवां रहने के लिए लोग कई तरह की दवाओं और इन्फेक्शन का सहारा ले रहे हैं। हालांकि, यंग दिखने की यह चाहत सेहत पर भारी पड़ सकती है। खासकर अगर आप डॉक्टर की सलाह के बिना ऐसा कोई ट्रीटमेंट लेते हैं, तो इससे सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में इस आर्टिकल में न्यूरोमेट वेलनेस केयर के निदेशक और न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. भूपेश कुमार से जानेंगे क्या होता है एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट (cosmetic procedure side effects) और कैसे ये हो सकता है सेहत के लिए हानिकारक-
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क्या है एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट?
एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट, जैसाकि नाम से ही पता चलता है, एक ऐसी प्रोसेस है, जिसमें कई प्रकार की विधियां शामिल हैं, जिनका उद्देश्य शरीर, विशेष रूप से स्किन पर उम्र बढ़ने के प्रभावों को रोका या रिवर्ज किया जाता है।
कैसे काम करता है ट्रीटमेंट?
बोटुलिनम टॉक्सिन, जिसे आमतौर पर बोटॉक्स के नाम से जाना जाता है और डर्मल फिलर्स जैसे एंटी-एजिंग इन्जेक्शन अक्सर झुर्रियों, फाइन लाइंस और उम्र बढ़ने के अन्य लक्षणों को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इस तरह के ट्रीटमेंट नॉन-सर्जिकल होते हैं और इन्हें व्यापक रूप से सुरक्षित माना जाता है, लेकिन इसके कुछ छिपे हुए नुकसान भी हैं, जिनको बारे में लोग कम ही जानते हैं।
एंटी-एजिंग इन्जेक्शन के साइड इफेक्ट
कुछ मेडिकल्स रिसर्च से पता चलता है कि एंटी-एजिंग की ये प्रोसेस भले ही कंट्रोल्ड और सुरक्षित हैं, लेकिन अगर इन्हें सही तरीके से और डॉक्टर की देखरेख के बिना किया जाए, तो ये खतरनाक हो सकता है।
जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित साल 2021 की एक अध्ययन में सामने आया कि एंटी-एजिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पेप्टाइड-बेस्ड इन्जेक्शन दिल की समस्याओं और अचानक ब्लड प्रेशर में गिरावट का कारण बन सकते हैं, खासकर जब फास्टिंग के दौरान या अन्य दवाओं के साथ इसे लेते हैं।
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इसके अलावा कई मामलों में, ऐसे इन्जेक्शन सही मेडिकल ट्रेनिंग के बिना लोगों द्वारा लगाए जाते हैं, जिससे गलत डोज या गलत तरीके से लगाने की संभावना बढ़ जाती है। सही ट्रेनिंग की कमी, अस्वीकृत प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल और मरीज के इतिहास के बारे में कम जानकारी जीवन के लिए खतरा हो सकती हैं।
एंटी-एजिंग इन्जेक्शन के शरीर पर प्रभाव
बोटुलिनम टॉक्सिन क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम नामक एक नेचुरल बैक्टीरिया से बनता है, जो दुनिया के सबसे शक्तिशाली टॉक्सिन में से एक है। इसकी कम और कंट्रोल डोज का इस्तेमाल सुरक्षित रूप से किया जा सकता है। लेकिन अगर खुराक बहुत ज्यादा है या अगर इसे गलत तरीके से इंजेक्ट किया जाता है, तो यह सांस लेने में समस्या, एलर्जी और यहां तक कि दिल की समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
एंटी-एजिंग इन्जेक्शन लगवाने से पहले किन बातों का ध्यान रखें
सिर्फ ट्रेंड और प्रमाणित चिकित्सा पेशेवरों से ही इन्जेक्शन लगवाएं।
अपनी मेडिकल हिस्ट्री और जो भी दवा ले रहे हैं, उसकी पूरी जानकारी एक्सपर्ट को दें।
अगर आप उपवास कर रहे हों या बीमार हों, तो ऐसे ट्रीटमेंट न लें।
ध्यान रखें कि इन ट्रीटमेंट्स के रिजल्ट्स अस्थायी होते हैं और नियमित इस्तेमाल से दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
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