जशपुर :--भ्रष्टाचार के खिलाफ जशपुर जिले में बड़ी न्यायिक कार्रवाई हुई है। वर्ष 2020 में तहसील कार्यालय जशपुर नगर में पदस्थ रहे नायब तहसीलदार कमलेश कुमार मिरी को रिश्वतखोरी के मामले में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अदालत ने तीन साल के सश्रम कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - राजनीति ---कुछ ढपा, कुछ छिपा, कुछ नही खुला
पूरा मामला
प्रार्थी अनोज कुमार गुप्ता ने ग्राम बालाछापर की जमीन के नामांतरण प्रमाण पत्र और ऋण पुस्तिका पर हस्ताक्षर कराने के एवज में आरोपी तहसीलदार द्वारा तीन लाख रुपए की रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की थी।
रंगेहाथ पकड़ा गया था आरोपी
प्रार्थी ने एसीबी से शिकायत की। इसके बाद एसीबी की टीम ने आरोपी कमलेश कुमार मिरी को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा। मामला वर्ष 2020 का है।
न्यायालय का फैसला
विशेष न्यायाधीश श्री सत्येन्द्र कुमार साहू की अदालत ने 30 जून 2025 को सुनवाई के बाद आरोपी को दोषी करार देते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 07 के तहत 3 साल का सश्रम कारावास और 50 हजार रुपए का अर्थदंड सुनाया है।
दोनों पक्षों की तरफ से पैरवी
इस मामले में शासन की ओर से श्री सी.पी. सिंह, लोक अभियोजक जशपुर ने पैरवी की, वहीं आरोपी की ओर से श्री रूपेश त्रिवेदी, अधिवक्ता कोरबा ने बचाव पक्ष का प्रतिनिधित्व किया।
भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा संदेश
यह फैसला जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है। सरकारी अमले में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में यह बड़ी कानूनी कार्यवाही है।
Comments