भारत माला परियोजना घोटाला : हाई कोर्ट ने खारिज की आरोपी उमा की जमानत याचिका

भारत माला परियोजना घोटाला : हाई कोर्ट ने खारिज की आरोपी उमा की जमानत याचिका

रायपुर: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी भारत माला परियोजना में जिले के अभनपुर क्षेत्र से जुड़ी सैकड़ों करोड़ के मुआवजा घोटाले की मुख्य आरोपी उमा तिवारी की अंतरिम जमानत याचिका को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस विभू दत्ता गुरु की डबल बेंच ने खारिज कर दिया है।

यह मामला भारत माला परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान हुए बड़े घोटाले से जुड़ा है। इस परियोजना के तहत दुर्ग से विशाखापत्तनम और मुंबई से कोलकाता तक सड़क निर्माण होना है, जिसमें रायपुर जिले के अभनपुर क्षेत्र की जमीनें अधिग्रहित की गईं। राजपत्र में सूचना प्रकाशन के बाद एक संगठित गिरोह द्वारा भू-मुआवजा के नाम पर शासन को करोड़ों की चपत लगाई गई।

ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - हम आपके हैं कौन बनते

नाम बदलकर हड़पे सवा दो करोड़

मामले में ठाकुर रामचंद्र स्वामी मंदिर (जैतू साव मठ) की भूमि का मुआवजा दो करोड़ रुपये था, जो मंदिर ट्रस्ट को मिलना चाहिए था, लेकिन आरोप है कि उर्वशी तिवारी ने खुद को उमा तिवारी पिता स्व. विश्वनाथ पांडेय बताकर फर्जी आवेदन और शपथपत्र प्रस्तुत किए और अफसरों से सांठगांठ कर यह राशि हड़प ली।

दस्तावेजों में सामने आया भारी फर्जीवाड़ा

जांच में सामने आया कि उमा तिवारी का वास्तविक नाम ओंकारेश्वरी है और उसके पिता का नाम नंद कुमार तिवारी है, जो आज भी जीवित हैं। उम्र, नाम, पिता के नाम और पति के नाम के दस्तावेजों में भारी फर्जीवाड़ा सामने आया।

मुख्य आरोपित उमा तिवारी, हरमीत खनुजा व अन्य पर गंभीर आरोप इस पूरे मामले में जमीन दलाल हरमीत सिंह खनुजा ने तत्कालीन भू-अर्जन अधिकारी निर्भय साहू, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और पटवारियों के साथ मिलकर ज़मीनों को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर मुआवजे में भारी गड़बड़ी की।

कई लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी

ईओडब्ल्यू (आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो) और एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने मामले में एफआईआर दर्ज कर हरमीत सिंह खनुजा, विजय जैन, उमा तिवारी व उसके पति कैदार तिवारी को दो माह पूर्व गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

ये भी पढ़े : बीजापुर में नक्सलियों ने खेला खूनी खेल, मुखबिरी के शक में ग्रामीण की हत्या

सोने के बिस्किट और खाते में ट्रांसफर का खेल मुआवजा राशि आइसीआइ बैंक महासमुंद शाखा में आते ही तुरंत हरमीत खनुजा और विजय जैन के गोलबाजार स्थित खातों में ट्रांसफर कर दी गई। आरोप है कि तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू के लिए 30 लाख रुपये मूल्य के सोने के बिस्किट व गहने से खरीदे गए।






You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments