बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए बुधवार को अमरनाथ की यात्रा पर जाने वाले भक्तों का जत्था जम्मू से रवाना हो चुका है। इस बार 3 जुलाई 2025 से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा 9 अगस्त तक चलेगी। इस दौरान लाखों भक्तों में से कुछ खास भक्तों को भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होगी।
उन भाग्यशाली लोगों को उस अमर पक्षी के भी दर्शन होंगे, जिन्होंने भगवान शिव से अमृत्व की कथा सुनकर अमृता पाई है। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव से अमर होने के रहस्य के बारे में पूछा था। तब भोलेनाथ इस कथा को बताने के लिए माता पार्वती को एकांत जगह में ले गए।
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कबूतरों के जोड़ों ने सुनी थी कथा
माता पार्वती ही सिर्फ इस कथा को सुन सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने अपने बैल नंदी, सर्प और यहां तक की पुत्र गणेश को भी रास्ते में छोड़ दिया था। इसके बाद वह माता पार्वती के साथ चूना पत्थर और जिप्सम से बनी उस पवित्र गुफा में पहुंचे, जिसे आज अमरनाथ गुफा के नाम से लोग जानते हैं।
जब वह माता पार्वती को भोलेनाथ अमृत्व की कथा सुना रहे थे। कहते हैं उसे समय कबूतरों का एक जोड़ा भी वहां मौजूद था। उसे जोड़े ने भी इस कथा को सुना और वह अमरत्व को प्राप्त हो गया। आज भी जब भोलेनाथ के भक्त अमरनाथ की यात्रा पर निकलते हैं, तो कुछ लोगों को यह कबूतरों का जोड़ा दिखाई देता है।
अमरत्व का प्रतीक है कबूतरों का जोड़ा
पक्षियों का यह जोड़ा कथा की सत्यता और अमृत्व का प्रतीक है। कुछ लोग मानते हैं कि शिव-पार्वती ही उस कबूतर के रूप में आते हैं। मान्यता है कि रास्ते में कबूतरों के जोड़े को देखने से भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है।
जिन लोगों को पक्षियों के इस जोड़े के दर्शन होते हैं, उनके दांपत्य जीवन में सुख आता है। कबूतरों का जोड़ा जिन लोगों को दिख जाता है उनके जीवन में चली आ रही परेशानियां खत्म हो जाती हैं। उन्हें समस्त तरीके के सुख मिलते हैं और उनके मोक्ष का मार्ग प्रशस्त हो जाता है।
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