कलेक्टर  गोपाल वर्मा ने जिला पंचायत, जिला अस्पताल और स्कूल में अचानक मारी दबिश, देरी से पहुंचने वाले कर्मचारियों को लगाई कड़ी फटकार

कलेक्टर गोपाल वर्मा ने जिला पंचायत, जिला अस्पताल और स्कूल में अचानक मारी दबिश, देरी से पहुंचने वाले कर्मचारियों को लगाई कड़ी फटकार

कवर्धा टेकेश्वर दुबे :  कलेक्टर गोपाल वर्मा ने सुबह जिला मुख्यालय में प्रशासनिक अनुशासन और समयबद्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला पंचायत, जिला अस्पताल और करपात्री स्कूल में आकस्मिक निरीक्षण किया। कलेक्टर ने अनुशासनहीन अधिकारियों-कर्मचारियों को आड़े हाथों लिया। निरीक्षण के दौरान बड़ी संख्या में कर्मचारी निर्धारित समय के बाद कार्यालय पहुंचे, जिस पर कलेक्टर ने मौके पर ही नाराजगी जताते हुए शोकॉज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

जिला पंचायत कार्यालय में निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने उपस्थिति रजिस्टर का गहन अवलोकन किया। जांच में पाया गया कि कुल 42 कर्मचारी देर से कार्यालय पहुंचे हैं। इस पर कलेक्टर वर्मा ने सभी के नाम के सामने टीप अंकित कर संबंधितों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। मौके पर मौजूद कुछ कर्मचारियों ने अपनी गलती स्वीकारते हुए सार्वजनिक रूप से कान पकड़कर क्षमा याचना की और भविष्य में समय का पूर्ण पालन करने का संकल्प भी लिया।कलेक्टर श्री वर्मा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जिला पंचायत और जिला अस्पताल जैसे जनसेवा से जुड़े संस्थान आम जनता की मूलभूत आवश्यकताओं से संबंधित हैं। राज्य शासन ने कार्यदिवस का समय सुबह 10 बजे से शाम 5:30 बजे तक निर्धारित किया है। ऐसे में यह अपेक्षित है कि सभी अधिकारी और कर्मचारी समय की गंभीरता को समझते हुए निर्धारित अवधि में कार्यालय में उपस्थित रहें।

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इसके पश्चात कलेक्टर वर्मा ने जिला अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण किया, जहां चिकित्सकों, तकनीकी स्टाफ और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच की गई। यहां भी कई कर्मचारी समय पर उपस्थित नहीं मिले, जिस पर कलेक्टर ने सख्त रुख अपनाते हुए सभी संबंधितों को शोकॉज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को निर्देशित किया कि ड्यूटी में तैनात चिकित्सकों की शिफ्टवार सूची, उनके नाम और मोबाइल नंबर सहित एक बोर्ड पर प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाए, ताकि मरीजों और परिजनों को जानकारी प्राप्त करने में कोई परेशानी न हो।इसी क्रम में कलेक्टर ने करपात्री स्कूल में भी आकस्मिक निरीक्षण कर शिक्षकों की उपस्थिति की जांच की। उन्होंने शिक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में अनुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही और समय की अनदेखी करने वाले शिक्षकों के विरुद्ध भी आवश्यक कार्रवाई के संकेत दिए।

इस पूरे अभियान के दौरान कलेक्टर वर्मा का रुख बेहद सख्त और अनुशासनपरक रहा। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि समय की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शासन की मंशा है कि आमजन को त्वरित और गुणवत्ता पूर्ण सेवाएं प्राप्त हों, इसके लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कर्तव्यों के प्रति पूर्ण सजग रहना होगा। भविष्य में भी इस प्रकार के आकस्मिक निरीक्षण जारी रहेंगे और दोषियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर गोपाल वर्मा आज जिला पंचायत में सुबह 10 बजे अचानक दबिश दी और स्वंय जिला पंचायत के प्रमुख प्रवेश द्वार में कुर्सी लगाकर बैठ गए।

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