सरकारी रोक के बावजूद जारी अवैध प्लॉटिंग! धर्मपुरा में 100 एकड़ ज़मीन पर खुल्लमखुल्ला अवैध प्लॉटिंग

सरकारी रोक के बावजूद जारी अवैध प्लॉटिंग! धर्मपुरा में 100 एकड़ ज़मीन पर खुल्लमखुल्ला अवैध प्लॉटिंग

रायपुर : राजधानी रायपुर के सबसे पॉश इलाके वीआईपी रोड स्थित ग्राम धर्मपुरा एवं ग्राम नकटी में ज़मीन माफिया द्वारा की जा रही अवैध प्लॉटिंग अब विकराल रूप ले चुकी है। राज्य शासन द्वारा स्पष्ट रूप से एक लेआउट योजना को रद्द करने और भविष्य में प्लॉटिंग पर रोक लगाने के बावजूद अवैध प्लॉटिंग, सड़क निर्माण, बिजली पोल की स्थापना, सार्वजनिक उपयोग की भूमि की बिक्री जैसे गंभीर अपराध खुलेआम जारी हैं। यह सारा कार्यवाही रसूखदार व्यक्तियों द्वारा की जा रही है जिनमें हेमलता सुराना, आनंद सुराना और राजेश जैन, राजेन्द्र सुराना -मैसर्स अनमोल एस्टेट, का नाम प्रमुख है।

सरकारी रोक के बावजूद जारी अवैध प्लॉटिंग

प्रारंभिक स्तर पर उक्त नामों के अधीन लेआउट को आंशिक स्वीकृति मिली थी, जिसे बाद में छत्तीसगढ़ शासन ने एक प्रेस नोट/अधिसूचना के माध्यम से रद्द कर दिया। बावजूद इसके, न केवल उक्त भूमि पर प्लॉटिंग जारी रही, बल्कि उसके आसपास की कृषि भूमि को भी बिना किसी अनुमोदन के टुकड़ों में बाँट कर बेच दिया गया। यह सीधे-सीधे छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा 15 व 16 तथा नगर एवं ग्राम निवेश विनियम 1984 के उल्लंघन का गंभीर मामला है।

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EWS व दलितों के लिए आरक्षित भूखंडों पर कब्जा

यहां EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) और गार्डन/दलित हाउस के लिए आरक्षित भूखंडों का भी व्यावसायिक और निजी उपयोग किया जा रहा है। न सिर्फ इन्हें बेचा गया, बल्कि उनके स्थान पर दुकानों और गोदामों का निर्माण कर लिया गया है। यह धारा 15(2) और नियम 14 का भी उल्लंघन है।

बिजली, पानी, सड़क सब कुछ, पर कोई वैध अनुमति नहीं

स्थानीय निरीक्षण में पाया गया कि कॉलोनी क्षेत्र में ट्रांसफार्मर, बिजली खंभे, सड़क और नालियों का निर्माण कर दिया गया है।

लेकिन कोई भी शासकीय अनुमति या प्रमाण-पत्र नहीं लिया गया। सीएसपीडीसीएल (विद्युत वितरण कंपनी) से भी अनुमति नहीं ली गई है, जो केवल अनुमोदित कॉलोनी को कनेक्शन देता है।

‘वेलफेयर सोसायटी’ के नाम पर वसूली, न कोई रजिस्ट्रेशन न वैधता

स्थानीय स्तर पर हेमलता सुराना, आनंद सुराना और राजेश जैन, राजेन्द्र सुराना मैसर्स अनमोल एस्टेट रजिस्ट्रेशन नहीं है। यह न तो सहकारी अधिनियम 1960 के अंतर्गत पंजीकृत है और न ही RERA या नगर निकाय में मान्यता प्राप्त संस्था है।

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न RERA पंजीकरण, न कोई पूर्णता प्रमाण-पत्र

इस पूरे प्रोजेक्ट का न तो Real Estate Regulatory Authority (RERA) में पंजीकरण है और न ही नगर निगम या ग्राम पंचायत से पूर्णता प्रमाण-पत्र प्राप्त है। फिर भी यह खुलेआम बेचा जा रहा है। RERA अधिनियम की धारा 3, 4, 11 और 60 का उल्लंघन यहां साफ दिखता है। जानकारी के अनुसार कॉलोनी लेआउट के अलावा लगभग 50 एकड़ कृषि भूमि को अवैध रूप से रिहायशी उपयोग में बदला जा रहा है।









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