धान पैदावार बढ़ाने के ये हैं टॉप सीक्रेट टिप्स

धान पैदावार बढ़ाने के ये हैं टॉप सीक्रेट टिप्स

 धान की रोपाई शुरू हो चुकी है. किसान खेतों में जुटे हुए हैं. कई जगह रोपाई खत्म हो चुकी है और पहली सिंचाई भी की जाने लगी है. किसानों के लिए ये समय फूंक-फूंककर कदम उठाने का है. थोड़ी भी लापरवाही फसल खराब कर सकती है. जो किसान रोपाई कर चुके हैं और पहली सिंचाई की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए कुछ बातें जाननी जरूरी हैं. लखीमपुर खीरी के कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप बिसेन बताते हैं कि धान की रोपाई के 10 दिन बाद खेतों में सिंचाई करने के दौरान NPK खाद का इस्तेमाल करना चाहिए. 1 एकड़ में NPK की एक बोरी का प्रयोग करना पर्याप्त है.

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कैसे करती है काम?

डॉ. प्रदीप बिसेन के अनुसार, डीएपी खाद का उपयोग धान की फसल में कल्ले बढ़ाने में बहुत आवश्यक है. पौधों को अपने संपूर्ण काल में 16 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है. नाइट्रोजन और फास्फोरस उनमें से एक है. डीएपी खाद मिट्टी में मिल कर पानी कि उपस्थिति में मिट्टी में घुल जाती है और पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है. मिट्टी पर छिड़कने के बाद आसानी से घुल जाती है. यह खाद फसलों की जड़ों का विकास करती है. जैसे आपने कोई फसल बोई है और उसमें यह खाद डाली तो यह पौधों की जड़ों और कोशिकाओं का विभाजन कर देती है. किसी पौधे की शाखाएं बढ़ रही हैं, तो यह उस पौधे की जड़ों को मजबूती प्रदान करेगी.

एक बोरी में कितना माल?

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, फसलों के लिए जरूरी पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश सही मात्रा में मिले तो पैदावार में कोई कमी नहीं आती है. डीएपी की एक बोरी में 23 किलोग्राम फॉस्फोरस और 9 किलोग्राम नाइट्रोजन होता है. NPK खाद में नाइट्रोजन की मात्रा पाई जाती है जो धान के पौधों में पत्तियों और तनों के विकास के लिए आवश्यक है. इससे पौधे हरे-भरे और स्वस्थ रहते हैं.

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