देवाधिदेव महादेव औघड़ी हैं। बहुत भोले हैं, इसलिए भोलेनाथ हैं। फूल और पत्तियों को चढ़ाने से ही खुश हो जाते हैं। न कोई आडंबर, न कोई दिखावा। जिसे दुनिया ठुकरा दे, उसे भी वह बड़े हर्ष से स्वीकार कर लेते हैं। प्रेम से चढ़ाया गया भांग, धतूरा, आंकड़ा सब कुछ स्वीकार कर लेते हैं। शिव पुराण में भगवान शंकर की पूजा में फूल-पत्तियां चढ़ाने का विशेष महत्व बताया गया है। सावन में यदि आप उन्हें सुगंधित फूल चढ़ाते हैं, तो इससे वह बहुत प्रसन्न होते हैं।
भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए किसी खास विधि की जरूरत नहीं है। सिर्फ सच्चा मन और सच्चे भाव होने जरूरी हैं। आइए जानते हैं अलग-अलग तरह के कौन से फूलों को चढ़ाने से क्या फल मिलता है।
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इन फूलों को चढ़ाने से मिलता है लाभ
शमी की एक पत्ती एक हजार बेलपत्र के समान मानी जाती है। शिव जी को शमी के फूल चढ़ाने से वह बहुत प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
बेला का फूल चढ़ाने से दांपत्य जीवन में सुख मिलता है। बेला के फूल डालकर अर्ध्य देने से अच्छा जीवनसाथी मिलता है। भगवान शिव की साधना में अलसी के फूल का विशेष महत्व है। इससे मनुष्य को पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान का आशीर्वाद मिलता है।
सफेद आंकड़े के फूल को मदार पुष्प भी कहते हैं। इसे भगवान शिव की पूजा में विशेष रूप से चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि इससे शिव पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। कनेर का पुष्प भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि कनेर का फूल चढ़ाने पर मनुष्य को मनचाहा धन लाभ होता है।
इन पुष्पों का भी करें प्रयोग
समाज में मान-सम्मान और यश में वृद्धि की कामना हो, तो अगस्त्य फूल शिवलिंग पर चढ़ाने चाहिए। हरसिंगार के फूल को पारिजात का फूल भी कहते हैं। रात में खिलने वाले इस फूल को चढ़ाने से सुख और वैभव बढ़ता है।
शिवरात्रि पर धतूरे के फूल चढ़ाने से संतान सुख मिलता है। जूही के फूल से चढ़ाने से दुख-दारिद्र खत्म होता है। घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती। चमेली के फूल से शिवलिंग की पूजा करने पर जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
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