सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। इस दौरान श्रद्धालु शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, और विभिन्न प्रकार के फूल अर्पित कर भोलेनाथ को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। शास्त्रों और पुराणों में कुछ ऐसे विशेष फूलों का उल्लेख है जो भगवान शिव को अत्यंत प्रिय माने जाते हैं। माना जाता है कि इन फूलों को अर्पित करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और भगवान की कृपा सदैव बनी रहती है। यहां हम बता रहे हैं उन 7 फूलों के बारे में, जो शिव पूजन में विशेष महत्व रखते हैं—
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धतूरा (Datura)
धतूरा का सफेद फूल शिवजी को अर्पित करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। यह पौधा विषैला होता है, लेकिन शिवजी को इसका अर्पण उनके ‘विषहर रूप’ की स्मृति में किया जाता है। इसे शिव का प्रिय फल और फूल माना गया है, और यह नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करता है।
बेलपत्र और बेल के फूल (Bel Patra & Blossoms)
बेलपत्र शिव पूजन का सबसे आवश्यक अंग है। त्रिदल बेलपत्र भगवान शिव के त्रिनेत्र, त्रिशूल और त्रिगुण (सत्व, रज, तम) का प्रतीक माने जाते हैं। बेल के फूल भी शिव को प्रिय होते हैं और इन्हें अर्पित करने से पापों का नाश होता है।
मदार/आक (Akanda/Madar – Crown Flower)
आक, अकंद या मदार, जिसे ‘क्राउन फ्लावर’ भी कहा जाता है और यह शिवजी को अत्यंत प्रिय है। इसे पूजा में विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि यह समृद्धि, शांति और मानसिक संतुलन लाने वाला माना जाता है।
जपाकुसुम (Red Hibiscus)
लाल रंग का गुड़हल शिवजी को अर्पित करने से जीवन में उत्साह, ऊर्जा और सकारात्मकता आती है। यह पूजा में शक्ति और समृद्धि के प्रतीक के रूप में शामिल होता है। (Photo Source: Pexels)
मोगरा/चमेली (Jasmine)
मोगरा और चमेली की खुशबू भगवान शिव को प्रिय मानी जाती है। इन फूलों को अर्पित करने से मन की शांति, आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक संतुलन मिलता है। यह फूल भगवान शिव की पूजा में पवित्रता और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। (Photo Source: Pexels)
नीलकमल (Blue Lotus)
नीलकमल दुर्लभ और अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह न केवल शिवजी बल्कि विष्णु जी को भी प्रिय है। सावन में शिवजी को यह फूल चढ़ाने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। नीलकमल का फूल शांति और सौम्यता का प्रतीक है। (Photo Source: Pexels)
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शेवंती (Chrysanthemum)
शेवंती के फूल, जिसे गुल्दावदी भी कहा जाता है, सुंदरता और श्रद्धा के प्रतीक होते हैं। इन्हें मंदिरों में सजावट और पूजा अर्पण दोनों के लिए प्रयोग किया जाता है। शिवलिंग पर अर्पण करने से सुख-समृद्धि और पारिवारिक शांति बनी रहती है।
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