सनातन धर्म में सावन महीने का खास महत्व है। यह महीना पूर्णतया भगवान शिव को समर्पित होता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा एवं भक्ति की जाती है। साथ ही शिव-शक्ति की कृपा पाने और मनचाहा वरदान पाने के लिए सावन सोमवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक पर महादेव की कृपा बरसती है।
धार्मिक मत है कि सावन सोमवार के दिन स्नान ध्यान के बाद भक्ति भाव से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। साथ ही आर्थिक तंगी से भी मुक्ति मिलती है, लेकिन क्या आपको पता है कि सावन महीने में कब कामिका एकादशी मनाई जाएगी? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
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कब मनाई जाती है कामिका एकादशी?
हर साल सावन माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन कामिका एकादशी मनाई जाती है। इस दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा एवं भक्ति की जाती है। सनातन शास्त्रों में व्रत की महिमा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। साधक मनचाही मुराद पाने के लिए कामिका एकादशी का व्रत रखते हैं।
20 या 21 जुलाई कब है कामिका एकादशी?
वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 20 जुलाई को होगी। 21 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 12 मिनट पर एकादशी तिथि होगी। वहीं, 21 जुलाई को सुबह 09 बजकर 38 मिनट पर एकादशी तिथि का समापन होगा। इस प्रकार 21 जुलाई को कामिका एकादशी मनाई जाएगी।
कामिका एकादशी पारण समय
कामदा एकादशी का पारण 22 जुलाई को किया जाएगा। साधक 22 जुलाई को सुबह 05 बजकर 37 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 05 मिनट के मध्य कर सकते हैं। इस दौरान भक्ति भाव से पूजा कर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें। इसके बाद अन्न और धन का दान कर व्रत खोलें।
कामिका एकादशी शुभ योग
सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर वृद्धि और ध्रुव योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाएगा। भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में सुख और शांति बनी रहती है।
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