लॉस एंजिलिस: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इमिग्रेशन वाले मामले में बड़ा झटका लगा है। एक अमेरिकी संघीय न्यायाधीश ने शुक्रवार को ट्रंप प्रशासन को लॉस एंजिलिस समेत कैलिफोर्निया के सात काउंटियों में जारी अंधाधुंध आव्रजन गिरफ्तारियों और कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया है। यह आदेश प्रवासी अधिकार संगठनों द्वारा दायर एक याचिका के बाद आया है, जिसमें प्रशासन पर नस्लीय भेदभाव के आरोप लगाए गए थे।
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नस्लीय आधार पर गिरफ्तारी का आरोप
प्रवासी अधिकार समूहों ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि ट्रंप प्रशासन की ओर से दक्षिणी कैलिफोर्निया में चलाए जा रहे आव्रजन अभियानों में नस्लीय आधार पर प्रवासियों को निशाना बनाया जा रहा है। बिना वारंट गिरफ्तारियां की जा रही हैं, लॉस एंजिलिस हिरासत केंद्र में बंदियों को कानूनी सहायता लेने से रोका जा रहा है और कानून प्रवर्तन अधिकारी नस्ल देख कर हिरासत में ले रहे हैं।
न्यायालय का कड़ा रुख
प्रवासियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मामी ई. फ्रिमपॉन्ग ने ट्रंप प्रशासन को तत्काल प्रभाव से इन कार्रवाइयों को रोकने का आदेश दिया। उन्होंने एक अलग आदेश में यह भी निर्देश दिया कि लॉस एंजिलिस स्थित आव्रजन हिरासत केंद्र में वकीलों को बंदियों से मिलने से नहीं रोका जाए। इस आदेश के बाद अमेरिकी आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय की सहायक सचिव ट्रिशिया मैकलॉघलिन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, "कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा किसी व्यक्ति को उसकी नस्ल के आधार पर निशाना बनाए जाने का दावा घृणित और स्पष्ट रूप से गलत है।"
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200 लोगों की गिरफ्तारी के बाद आया आदेश
कोर्ट का यह आदेश उस वक्त आया जब संघीय आव्रजन अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को कैलिफोर्निया में भांग (कैनबिस) के दो खेतों पर छापेमारी कर करीब 200 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन पर अवैध रूप से देश में रहने का संदेह था। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो जाने की भी सूचना है। घटनास्थल पर स्थानीय निवासियों और कार्यकर्ताओं ने इस कार्रवाई का विरोध किया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी।
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